■ अवकाश पर जाने से कई स्कूलों में लग जाता ताला,
■ एक शिक्षक को दो स्कूलों की संभालनी पड़ती जिम्मेदारी
फतेहपुर : नगर क्षेत्र के बेसिक शिक्षा के प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूलों का पुरसाहाल नहीं है। शिक्षकों की बेहद कमी के चलते शासन के आदेश हवा में तैर रहे हैं। जिम्मेदार चाह कर भी इन स्कूलों की बदहाली को दूर नहीं कर पा रहे हैं। एक जगह तैनाती के साथ शिक्षकों को अन्य कामों के संपादन के लिए दूसरे स्कूलों का दायित्व निभाना पड़ रहा है। पठन पाठन का कार्य भगवान भरोसे ही चल रहा है।
नगर क्षेत्र मुख्यालय एवं ¨बदकी में 85 प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक स्कूल संचालित किए जा रहे हैं इन स्कूलों में चालू सत्र में महज 70 शिक्षक की तैनात है। बीते सत्र में 6 शिक्षक सेवानिवृत्त हो चुके हैं आने वाले समय में इसी क्रम में सेवानिवृत्त का सिलसिला चलेगा। विभाग के शिक्षकों की इतनी तैनाती नहीं है कि वह कुल स्कूलों में एक-एक शिक्षक ही तैनात कर पाए। शासन के दिशा निर्देश पर एक विद्यालय में दो से अधिक शिक्षक-शिक्षिकाएं तैनात हैं लेकिन इनमें से प्रधानाध्यापक को छोड़कर दूसरे शिक्षकों को अन्य स्कूलों का दायित्व विशेष आदेश पर दिया गया है। प्राथमिक की पांच कक्षाएं एवं उच्च प्राथमिक की तीन कक्षाओं को पढ़ाने के लिए अधिसंख्य जगहों में एकल शिक्षक के सहारे शिक्षा की गाड़ी चल रही है।
शिक्षकों की कमी के चलते शैक्षिक स्तर का क्या हाल होगा इसका अनुमान सहज ही लगाया जा सकता है। जब शिक्षा के मंदिरों में गुरुजन ही नहीं होंगे तो फिर नौनिहालों कैसे पढ़ लिखकर बढ़ेंगे। यही वजह है कि लोग अपने पाल्यों को ऐसे विद्यालयों में प्रवेश कराने से कतराते हैं।
■ 20 प्राथमिक स्कूल शिक्षामित्रों के हवाले : बेसिक शिक्षा के प्राथमिक स्कूल बदहाली से उबर नहीं पा रहे हैं। शिक्षकों के टोटे की वजह से 20 स्कूल ऐसे हैं जिन्हें न चाहकर भी शिक्षामित्रों के हवाले कर दिया गया है। तमाम बंदिशों के बाद मिले दायित्व के शिक्षामित्र निभा रहे हैं।
एक अथवा दो शिक्षामित्र पांच कक्षाओं की जिम्मेदार उठा रहे हैं। अधिकारियों के आदेश के अनुपालन में जहां दायित्व निर्वहन कर रहे हैं वहीं तमाम अड़चनों से पीछा नहीं छुड़ा पा रहे हैं। निरीक्षण के समय खामी पकड़े जाने के बाद अधिकारी त्वरित फटकार आदि लगाने के बाद कार्यवाही की कलम नहीं चला पाते हैं। दोनों क्षेत्रों में 38 शिक्षामित्र कार्यरत हैं।
नगर क्षेत्र में शिक्षकों की कमी के चलते 20 स्कूलों को शिक्षामित्रों से संचालित करवाया जा रहा है। शासन की तमाम योजनाओं को क्रियान्वित कराने के लिए नियमित शिक्षकों से इन विद्यालयों का काम लिया जा रहा है। शिक्षकों की कमी का असर पठन पाठन में पड़ रहा है जिसे दूर करने का प्रयास हो रहा है। विशेष आदेश के जरिए एमडीएम आदि योजनाओं के लिए शिक्षकों को लगाकर खाता संचालित कराया जा रहा है। - नाहिद इकबाल फारूकी, खंड शिक्षाधिकारी नगर
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