लखनऊ : इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने निजी स्कूलों द्वारा छात्रों से वसूली जा रही मनमानी फीस के खिलाफ दायर एक जनहित याचिका पर सीबीएसई व आइसीएसई बोर्ड को नोटिस जारी की है। कोर्ट ने दोनों बोर्ड व राज्य सरकार से इस विषय पर अपना-अपना जवाब चार सप्ताह में दाखिल करने का आदेश दिया है। मामले की अगली सुनवाई दोनों बोर्ड को नोटिस मिलने के बाद होगी।
यह आदेश जस्टिस विक्रम नाथ व जस्टिस अब्दुल मोईन की बेंच ने लईक अहमद की ओर से दायर जनहित याचिका पर पारित किया। याचिका में कहा गया है कि राज्य सरकार ने निजी स्कूलों की फीस पर लगाम लगाने के लिए एक बिल तैयार किया है लेकिन, इसे अभी पारित नहीं किया जा सका है। कहा गया कि जब तक बिल पास होकर कानून का रूप लेगा तब तक स्कूलों की मनमानी को रोकने के लिए सरकार कोई सकरुलर या आदेश जारी करे।
यह भी कहा गया कि सरकार फीस पर लगाम लगाने के लिए एक रेगुलेटरी कमीशन बनाये जिसका मुखिया हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज को बनाया जाये। यह भी कहा गया कि फीस पर लगाम लगाने के लिए गुजरात में 2017 में कानून बनाया गया जिस पर गुजरात हाई कोर्ट ने भी मुहर लगाई है। यह भी कहा गया कि सुप्रीम कोर्ट ने भी फीस पर लगाम लगाने के लिए दिशानिर्देश दे रखे है जिस पर अमल होना चाहिए।
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