यूपी बोर्ड परीक्षाफल : हाईस्कूल में वित्तविहीन तो इंटर में शासकीय कालेजों ने मारी बाजी।
इलाहाबाद : यूपी बोर्ड परीक्षा 2018 में भी कालेजों की दौड़ में तस्वीर पिछले वर्षो जैसी ही रही है। छात्र-छात्रओं के साथ कालेजों में भी एक-दूसरे को पीछे छोड़ने की होड़ रही। जहां हाईस्कूल में प्रदेश के वित्तविहीन विद्यालय शिखर पर रहे, वहीं इंटरमीडिएट में शासकीय कालेजों ने बढ़त बनाई।
माध्यमिक शिक्षा परिषद ने इस बार भी विद्यालयों के प्रदर्शन को आधार बनाकर परिणाम जारी किया है। हाईस्कूल की परीक्षा में शासकीय कालेजों में एक लाख 29 हजार 114 परीक्षार्थी पंजीकृत थे, उनमें से एक लाख 24 हजार 95 शामिल हुए, वहीं 89 हजार 706 (72.29 फीसद) सफल हुए हैं। अशासकीय सहायता प्राप्त विद्यालयों में आठ लाख 35 हजार 808 परीक्षार्थी पंजीकृत थे, उनमें से आठ लाख एक हजार 379 शामिल हुए और पांच लाख 73 हजार 400 (71.55 फीसद) उत्तीर्ण हुए हैं। ऐसे ही वित्तविहीन विद्यालयों में 26 लाख 28 हजार 250 परीक्षार्थी पंजीकृत थे, उनमें से 20 लाख 53 हजार 615 सम्मिलित हुए और 15 लाख 85 हजार 153 (77.19 फीसद) उत्तीर्ण हुए हैं। परिषद ने उन स्कूलों की संख्या भी गिनाई है जहां का सफलता प्रतिशत 20 से कम रहा है।
इसमें 98 शासकीय स्कूल, आठ अशासकीय सहायता प्राप्त, 64 स्कूल वित्तविहीन हैं। प्रदेश भर के 25 हजार 856 विद्यालयों में से 170 का परीक्षा परिणाम बीस प्रतिशत से कम रहा है। 1ऐसे ही इंटरमीडिएट में परीक्षा में शासकीय कालेजों में 86 हजार 122 परीक्षार्थी पंजीकृत थे, उनमें से 84 हजार 409 शामिल हुए, वहीं 68 हजार 110 (80.69 फीसद) सफल हुए हैं। अशासकीय सहायता प्राप्त विद्यालयों में सात लाख 95 हजार 59 परीक्षार्थी पंजीकृत थे, उनमें से सात लाख 68 हजार 774 शामिल हुए और पांच लाख 77 हजार 682 (75.14 फीसद) उत्तीर्ण हुए हैं।
ऐसे ही वित्तविहीन विद्यालयों में 19 लाख 83 हजार 76 परीक्षार्थी पंजीकृत थे, उनमें से 16 लाख 52 हजार 706 सम्मिलित हुए और 11 लाख 64 हजार 788 (70.48 फीसद) उत्तीर्ण हुए हैं। परिषद ने उन स्कूलों की संख्या भी गिनाई है जहां का सफलता प्रतिशत 20 से कम रहा है। 1इसमें चार शासकीय कालेज, 42 अशासकीय सहायता प्राप्त, 121 स्कूल वित्तविहीन हैं। प्रदेश भर के 15 हजार 990 विद्यालयों में से 167 का परीक्षा परिणाम काफी नीचे रहा है।
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