उज्जैन: मध्य प्रदेश के उज्जैन में तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय गुरुकुल सम्मेलन शनिवार से शुरू हो गया है। चिंतामन गणोश मंदिर रोड स्थित महर्षि सांदीपनि राष्ट्रीय वेदविद्या संस्थान परिसर में आयोजित सम्मेलन में केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि शिक्षा नीति में बड़े बदलाव की तैयारी केंद्र ने शुरू कर दी है। दो महीने में नई शिक्षा नीति का मसौदा तैयार हो जाएगा।
अनावश्यक पाठ और जानकारियों को हटाया जाएगा। 5वीं-8वीं कक्षा की परीक्षाएं पहले की तरह ली जाएंगी। वहीं, मप्र के मुख्यमंत्री शिवराजसिंह ने घोषणा की कि प्राचीन वैदिक शिक्षा पद्घति को बढ़ावा देने के लिए गुरुकुलों को आधुनिक शिक्षा संस्थानों के समकक्ष दर्जा दिया जाएगा। सरकार इंदौर के पास जानापाव में गुरुकुल भी शुरू करेगी। समारोह में संघ प्रमुख मोहन भागवत भी शामिल हुए।
इस मौके पर जावड़ेकर ने कहा कि केंद्र सरकार सबको शिक्षा, अच्छी शिक्षा के उद्देश्य से काम कर रही है। पाठ्यक्रम में बदलाव के लिए देशभर के लोगों से सुझाव मंगाए हैं। अब तक 34 हजार सुझाव मिल चुके हैं। देश की जानकारी विद्यार्थियों को बताने के लिए भारत बोध नाम से पाठ्यक्रम भी केंद्र सरकार शुरू करने जा रही है, जो वैकल्पिक होगा। विद्यार्थियों के मन से पाठ्यक्रम का डर कम करने के लिए इसका सरलीकरण भी होगा। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रलय गैरजरूरी पाठ्यक्रमों को हटाएगा, जिससे कि बच्चों की पढ़ाई आसान हो जाएगी।
कार्यक्रम में केंद्रीय शिक्षा राज्यमंत्री सत्यपालसिंह, मप्र के ऊर्जा मंत्री पारस जैन, संस्कृति राज्यमंत्री सुरेंद्र पटवा, पुणो के स्वामी गोविंददेव गिरि, स्वामी राजकुमारदास, महामंडलेश्वर विश्वेश्वरानंदजी आदि थे।
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