हाईकोर्ट से अप्रैल 2017 में दिए गए फैसले के खिलाफ हुई एसएलपी
विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में शिक्षकों के रिक्त पदों का आरक्षण रोस्टर निर्धारण करने संबंधी इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ केंद्र सरकार और यूजीसी ने सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका (एसएलपी) दायर कर दी है। इस आशय की जानकारी यूजीसी के संयुक्त सचिव डॉ. देव स्वरूप की ओर से सभी विवि के रजिस्ट्रार को दी गई है।बीएचयू की शिक्षक भर्ती में आरक्षण रोस्टर निर्धारण के मामले को लेकर दाखिल याचिका पर सुनवाई करते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सात अप्रैल 2017 को आरक्षण निर्धारण के लिए यूजीसी की ओर से 2006 में बनाई गई गाइड लाइन को निरस्त करते हुए विश्वविद्यालय के बजाए विभाग को यूनिट मानते हुए आरक्षण तय करने का आदेश दिया था। एचआरडी मंत्रलय के आदेश पर यूजीसी ने एक कमेटी गठित की थी, जिसकी संस्तुति के आधार पर यूजीसी के संयुक्त सचिव डॉ. देव स्वरूप ने पांच मार्च को सभी रजिस्ट्रारों को पत्र भेजा था, जिसमें इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए विभागवार आरक्षण रोस्टर तैयार कर इसका पालन करने को कहा गया था।एससी-एसटी संगठनों ने यूजीसी के इस पत्र का यह कहते हुए विरोध किया कि इस प्रक्रिया से आरक्षण तय होने पर विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में आरक्षण समाप्त हो जाएगा।
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