प्रतापगढ़ : विकास भवन परिसर में लगे स्टाल पर खड़े प्राइमरी स्कूल के बच्चों की हाजिरी जवाबी से खुश मुख्यमंत्री ने उन्हें शाबाशी दी। एक बच्ची ने परिचय के दौरान जब यह कहा कि महिलाएं पुरुषों से पीछे नहीं है। सूबे की बेसिक शिक्षा मंत्री महिला है और वह भी बेसिक शिक्षा मंत्री बनना चाहती है, यह सुनते ही मुख्यमंत्री हंस पड़े।
विकास भवन परिसर में दाहिनी तरफ लगे स्टाल पर प्राइमरी स्कूल के बच्चे अपने मॉडल के साथ खड़े थे। सबसे पहले पूर्व माध्यमिक विद्यालय कापा मधुपुर के बच्चे खड़े थे। कक्षा सात की साक्षी पांडेय के मॉडल को देखने के बाद मुख्यमंत्री पूर्व माध्यमिक विद्यालय लौवार के बच्चों के पास पहुंचे और कक्षा आठ के संजीत सरोज से एक दो सवाल किया। मुख्यमंत्री के पूछने पर संजीत ने बताया कि एक व्यक्ति को एक दिन में एक सुई की नोंक के बराबर और पूरे जीवनकाल में एक चम्मच आयोडीन की जरूरत होती है। पूमावि अमसौना जैतीपुर की प्रिया सरोज ने सौरमंडल के बारे में बताया।
माडल प्राइमरी स्कूल पिपरी खालसा की छात्र आर्या मिश्र, निधि मिश्र, छात्र आदेशमणि मिश्र, शिवांश मिश्र, मोहम्मद ताबिश, आतिफ से मुख्यमंत्री ने उनका नाम पूछा। आर्या से परिवार का परिचय पूछा तो उसने एक झटके में अंग्रेजी में माता-पिता, पता, डीएम, एसपी, बीएसए, सूबे के मुख्यमंत्री, बेसिक शिक्षा मंत्री, राज्यपाल, प्रधानमंत्री, रक्षा मंत्री, विदेश मंत्री, राष्ट्रपति का नाम बता डाला।
पूर्व माध्यमिक विद्यालय मरुआन की छात्र नैन्सी यादव ने आइ सपोर्ट गर्ल एजुकेशन का स्टीकर दिखाते हुए मुख्यमंत्री से कहा कि सर इसे आपको लगा दूं। सीएम के हां करते हुए नैन्सी ने कुर्ते में स्टीकर लगा दिया। फिर कहने लगी कि आज महिलाएं पुरुषों से कहीं भी पीछे नहीं हैं। अंतरिक्ष यात्री, खिलाड़ी, रक्षा मंत्री, विदेश मंत्री, बेसिक शिक्षा मंत्री महिला ही हैं।
■ प्यास से तड़पे बच्चे
स्कूलों के बच्चों को स्टाल पर सुबह 10 बजे से ही बुला लिया गया था, लेकिन उनके खाने पीने का कोई इंतजाम नहीं था। लगातार पांच घंटे तक खड़े रहे बच्चे भूख प्यास से व्याकुल दिखे। उनके साथ आए शिक्षक व शिक्षिकाएं भी शुद्ध पेयजल के लिए परेशान थीं।
■ सादगी का हर कोई दिखा कायल
जिले में पहली बार आए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सादगी का हर कोई कायल दिखा। काफिले में शामिल जनप्रतिनिधि जहां फारच्यूनर, टवेरा पर सवार थे, वहीं मुख्यमंत्री चार साल पुरानी सफारी पर सवार थे।
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