फतेहपुर : बीटीसी कर रहे प्रशिक्षुओं को पहले फेल किए जाने और डायट उप प्राचार्य द्वारा कुर्सी संवारते हुए पास करने की शिकायत को शासन ने संज्ञान लेकर कार्रवाई की है। पूर्व में कराई गई जांच और साक्ष्यों के आधार पर तत्कालीन डायट प्राचार्य को शासन ने निलंबित कर दिया है। निलंबित उप प्राचार्य को लखनऊ कार्यालय से संबद्ध कर दिया गया है।
जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान से बीटीसी कर रहे वर्ष 2013 के 58 प्रशिक्षुओं को आंतरिक मूल्यांकन में तत्कालीन प्राचार्य कुमारी विमल वर्मा ने फेल कर दिया था। उनके रिटायर होते ही चार्ज डीआइओएस मोहम्मद रफीक को दिया गया था।
शिकायतों को संज्ञान लेते हुए कार्यवाहक प्राचार्य को मामले की जांच और रिपोर्ट भेजने के आदेश परीक्षा नियामक से दिए गए थे। जिस श्री रफीक ने लगभग हूबहू रिपोर्ट भेज दी। समय बीता तो शासन ने उप प्राचार्य रविशंकर को प्राचार्य बना दिया जिस पर उन्होंने परीक्षा नियामक से आए दिन मच रहे हो हल्ला और शिकायतों के निस्तारण के लिए फेल हुए 58 प्रशिक्षुओं को आंतरिक मूल्यांकन में पास करके कागज भेज दिए।
यही निलंबन का कारण बन गया। पूर्व में इस प्रकरण की जांच जेडी इलाहाबाद मंडल माया निरंजन ने की थी। पूरे प्रकरण के अभिलेख ले गई और जांच करने के बाद शासन को रिपोर्ट भेज दी थी।
शासन के विशेष सचिव देव प्रताप सिंह ने मामले में हुई कार्रवाई का प्रकरण का पत्र डीएम को भेज दिया। जिसमें फेल प्रशिक्षुओं को पास करने और प्रवेश में धांधली बरते जाने पर निलंबन की सजा सुनाई है। डायट प्राचार्य डॉ. आशुतोष दुबे ने बताया कि उप प्राचार्य का निलंबन पत्र मिल गया है और उन्हें रिसीव भी करा दिया गया है।
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