• नगराम के कन्या पूर्व माध्यमिक विद्यालय में सुबह नहीं खुल सका गेट • स्कूल में कुल तीन शिक्षक
कोई चार्ज लेने नहीं पहुंचा। अंत में उन्होंने विद्यालय में सबसे जूनियर अध्यापिका प्रीति को चार्ज देना चाहा, लेकिन प्रीति ने खुद को जूनियर बताकर चार्ज लेने से इनकार कर दिया। ऐसे में उनके पास दूसरा कोई रास्ता नहीं था। अगले दिन सोमवार को चूंकि वो सेवानिवृत्त हो चुके थे, इसलिए स्कूल नहीं गए। सुबह गांव के लोगों ने फोन कर जानकारी दी कि स्कूल में ताला लगा है और सभी लोग गेट के बाहर खड़े हैं। इस पर वो तुरंत स्कूल पहुंचे, लेकिन यहां एक बार फिर जूनियर शिक्षिका प्रीति ने चार्ज नहीं लिया। अंत में खंड शिक्षा अधिकारी को मौके पर बुलवाया गया। मौके पर पहुंचे खंड शिक्षा अधिकारी रामनारायण ने बताया कि सहायक शिक्षिका प्रीति को चार्ज दे दिया गया है, सीनियर अध्यापिका के छुट्टी पर होने की वजह से दिक्कत हुई है।
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स्कूल के बाहर ताला लगा होने के बावजूद जूनियर शिक्षक चार्ज लेने को तैयार नहीं थीं , अंत में संकुल प्रभारी को मौके पर बुलाकर उन्हें चार्ज दिलवाया गया, इस दौरान स्कूल के बच्चे भी गेट के बाहर खड़े रहे।•एनबीटी, नगराम : नगराम के कन्या पूर्व माध्यमिक विद्यालय में प्रधानाध्यापक पद पर तैनात सुखलाल के 31 मार्च को सेवानिवृत्त हो जाने और अन्य किसी के चार्ज न लेने पर सोमवार को स्कूल में 11 बजे तक ताला लगा रहा। इस दौरान स्कूल पहुंचे बच्चे गेट के बाहर ही खड़े रहे। यही नहीं अक्षय पात्र संस्था को भी बच्चों के लिए मिड-डे मील का भोजन भी बाहर ही रखना पड़ा। करीब ढाई घंटे बाद खंड शिक्षा अधिकारी के दिशा-निर्देश पर सहायक अध्यापिका ने इस बाबत चार्ज लिया कि सीनियर के छुट्टी से लौटने तक ही वो चार्ज संभालेंगी। इसके बाद लगभग 11:30 बजे स्कूल का गेट खुला।
नगराम कस्बे के कन्या पूर्व माध्यमिक विद्यालय में 138 बच्चे हैं। स्कूल में तीन सहायक शिक्षक प्रीति, बीना, व सुमन तैनात हैं। इसके अलावा प्रधानाध्यपक के रूप में सुखलाल तैनात थे। सुखलाल 31 मार्च को सेवानिवृत्त हो गए। सुखलाल के अनुसार शिक्षिका बीना तीन महीनों से मेडिकल लीव पर हैं। सुमन भी दो महीनों से छुट्टी पर हैं। 24 मार्च को सीनियर शिक्षिका बीना को बीएसए ने स्कूल का चार्ज लेने के लिए निर्देशित किया था। वो अपनी नौकरी के अंतिम दिन 31 मार्च को सुबह 9 बजे से शाम 3 बजे स्कूल में बैठे रहे लेकिन कोई भी चार्ज लेने नहीं पहुंचा। इसके उन्होंने खंड शिक्षा अधिकारी को इस बाबत पत्र भी दिया। इसके बावजूद भी
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