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Wednesday, April 4, 2018

कैबिनेट का फैसला : स्कूलों ने मनमानी फीस वसूली तो रद होगी मान्यता

अन्य फैसले
यह प्रावधान भी शामिल

प्रदेश में निजी स्कूल अब मनमाने तरीके से फीस नहीं बढ़ा सकेंगे। सरकार ने निजी स्कूलों की सालाना फीस वृद्धि का फॉमरूला तय कर दिया है। इस फॉमरूले के तहत निजी स्कूल नवीनतम उपभोक्ता मूल्य सूचकांक में पिछले सत्र के शुल्क का पांच प्रतिशत जोड़ते हुए हर साल इतनी ही फीस बढ़ा सकेंगे। इस तरह से निर्धारित किया गया शुल्क स्कूल के शिक्षकों और कर्मचारियों की मासिक प्रति व्यक्ति आय में हुई वृद्धि के औसत से अधिक नहीं होगा।

तय से अधिक फीस वसूलने पर स्कूल प्रबंधन पर पहली बार एक लाख रुपये और दूसरी मर्तबा पांच लाख रुपये आर्थिक दंड लगाया जाएगा। तीसरी बार ऐसा करने पर उनकी मान्यता रद होगी। यह फामरूला इसी सत्र से लागू होगा।

निजी स्कूलों की मनमानी फीस वसूली पर अंकुश लगाने के लिए सरकार अध्यादेश लाने जा रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक में उप्र स्ववित्तपोषित स्वतंत्र विद्यालय (शुल्क का निर्धारण) अध्यादेश, 2018 के प्रारूप को मंजूरी दे दी गई है। बैठक के बाद फैसले की जानकारी उप मुख्यमंत्री डॉ.दिनेश शर्मा ने दी और कहा कि प्रस्तावित व्यवस्था के तहत निजी स्कूलों की फीस में सालाना सात से आठ प्रतिशत से ज्यादा वृद्धि नहीं होगी। उन्होंने बताया कि सरकार जल्द ही यह अध्यादेश लाएगी। प्रस्तावित अध्यादेश उन सभी निजी स्कूलों पर लागू होगा जिनका वार्षिक शुल्क 20 हजार रुपये से अधिक है। इसके दायरे में यूपी बोर्ड, सीबीएसई, आइसीएसई व अन्य बोर्ड से मान्यताप्राप्त/संबद्ध स्कूल सहित वे विद्यालय भी आएंगे जिन्हें ‘अल्पसंख्यक’ दर्जा हासिल है। यह व्यवस्था प्री-प्राइमरी स्कूलों पर लागू नहीं होगी। संबंधित खबर 11’ सहायक अभियंता के साक्षात्कार में अब 100 अंक निर्धारित। पहले 250 अंक तय थे। 1’ समन्वित कृषि प्रणाली से किसानों की आय करेंगे दोगुनी, उपज में वृद्धि, लागत में कमी तथा मिलेगा उचित मूल्य।’तय से अधिक फीस लेने पर पहली बार एक लाख, दूसरी बार पांच लाख जुर्मानानिजी स्कूलों की फीस नियंत्रित करने के लिए अध्यादेश लाएगी सरकार’ अभिभावक स्कूलों से किताबें, जूते-मोजे और यूनीफॉर्म खरीदने के लिए बाध्य नहीं होंगे।  स्कूल प्रवेश शुल्क सिर्फ दाखिले के समय ही ले सकेंगे। कोई कैपिटेशन शुल्क नहीं लिया जाएगा। किसी भी तरह का वैकल्पिक शुल्क बाध्यकारी नहीं होगा। निजी स्कूल पांच साल से पहले विद्यार्थियों की यूनीफॉर्म नहीं बदल सकेंगे। ’ नए सत्र के लिए फीस जमा कर चुके लोगों के लिए अतिरिक्त फीस वापस करने का भी प्रावधान, साल भर की फीस एक बार में नहीं ले सकेंगे।

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