इलाहाबाद : यूपी बोर्ड के इतिहास में पहली बार गोपनीय रिकॉर्ड आम लोगों के बीच पहुंच गए हैं। सोशल मीडिया पर विभिन्न विषयों के एवार्ड ब्लैंक ओएमआर शीट (मूल्यांकन केंद्र से बोर्ड मुख्यालय को भेजने वाला प्रपत्र) धड़ाधड़ अपलोड हो रही हैं। इसके जरिए हर कोई यही बता रहा है कि जिन परीक्षार्थियों को मूल्यांकन में इकाई में अंक मिले वह भी अच्छे अंकों से उत्तीर्ण हो गए हैं। यह कार्य अब प्रदेश के लगभग हर जिले में हो रहा है और लोग परिणाम पर सवाल उठा रहे हैं।
माध्यमिक शिक्षा परिषद यानि यूपी बोर्ड की हाईस्कूल व इंटरमीडिएट परीक्षा 2018 के रिजल्ट को लेकर इस बार तरह-तरह के कयास लग रहे थे, क्योंकि परीक्षा के दौरान जिस तरह से सीसीटीवी कैमरे और व अन्य माध्यमों पर नकल पर प्रभावी अंकुश लगाया उसकी परिणति परीक्षाफल में देखने की उम्मीद लगाए थे। परिणाम कुछ गिरा जरूर लेकिन, नकल विहीन परीक्षा की सख्ती परिणाम में बिल्कुल नहीं दिखी।
बदले दौर में परिणाम आते ही इंटरनेट पर अंकपत्र तक अपलोड हो गए। इस रिजल्ट पर आमलोगों व परीक्षार्थियों ने जहां खुशी जताई, वहीं परीक्षक व कालेज संचालक अवाक रह गए। उत्तर पुस्तिका जांचने वालों ने एवार्ड ब्लैंक ओएमआर शीट की फोटो कॉपी अपने पास सुरक्षित रखी थी, उसी को अब सार्वजनिक किया जा रहा है। इसमें अधिकांश परीक्षार्थी उत्तीर्ण होने लायक अंक नहीं पा रहे हैं, तमाम के मूल्यांकन में इकाई में अंक रहे हैं लेकिन, रिजल्ट में वह अच्छे अंक से उत्तीर्ण हो गए हैं।
सोशल मीडिया पर जो एवार्ड ब्लैंक ओएमआर शीट अपलोड हुई हैं, वह अहम विषयों की हैं। मसलन, विज्ञान, गणित, रसायन व भौतिक विज्ञान आदि। यही नहीं परीक्षकों ने कुछ परीक्षार्थियों का इंटरनेट का परिणाम भी ओएमआर शीट के साथ अपलोड किया है, ताकि लोग देख सके कि आखिर किस तरह से अंक बढ़ गए हैं। कुछ ओएमआर शीट में मिले अंक स्तब्ध कर देने वाले हैं, परीक्षार्थियों को दो से नौ अंक तक मिले हैं।
यह सिलसिला प्रदेश के कई जिलों में एक साथ शुरू हो गया है। इससे परीक्षा और परिणाम पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं। उधर, बोर्ड के अधिकारी यह तो स्वीकार कर रहे हैं कि मॉडरेशन अंक प्रणाली का उपयोग हुआ है लेकिन, इतने अधिक अंक परीक्षार्थियों को मिलने पर कोई सीधा जवाब नहीं दे रहा है। वहीं, गोपनीय रिकॉर्ड सार्वजनिक करने वालों की भी जांच कराने की तैयारी है।
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