खरखौदा स्थित कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय की वार्डन को डीएम ने हटा दिया है, जबकि विद्यालय में तैनात एक चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी की सेवा समाप्त कर दी गई। बालिकाओं की सुरक्षा के लिए विद्यालय में दो महिला होमगार्ड को भी तैनात किया गया है। उधर, कई माह से खराब इंवर्टर को भी बदलकर नया लगाया है।1कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय में भूत को लेकर शुरू हुए विवाद में मंगलवार को डीएम अनिल ढींगरा ने वार्डन पूनम भारती को हटाते हुए एक चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी ज्ञान सिंह की संविदा समाप्त करने के आदेश जारी कर दिए। विद्यालय में कई दिनों से वार्डन द्वारा भूत बनकर डराने को लेकर छात्रएं सहमी हुई थीं। छात्रओं ने डीएम और बीएसए को पत्र भेजकर शिकायत की थी। मामला मीडिया में आने के बाद सोमवार को अधिकारी जांच के लिए विद्यालय पहुंचे थे। छात्रओं ने खरखौदा थाने में तैनात रहे होमगार्ड के एक दारोगा को रात के समय विद्यालय में बुलाने का आरोप वार्डन पर लगाया था। इसके अलावा छेड़छाड़ और मारपीट के साथ भूत का डर दिखाने जैसे गंभीर आरोप भी लगाए थे। प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए डीएम ने वार्डन और चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी पर कार्रवाई करते हुए बीएसए को विद्यालय में व्यवस्था बनाने के लिए निर्देशित किया है।
हर स्तर पर होती रही चूक कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय में कई दिनों से विवाद चल रहा था। शिक्षिकाओं और वार्डन के बीच कई मामलों को लेकर तनातनी थी। इसके अलावा वार्डन द्वारा बाहरी को रात के समय विद्यालय में बुलाने और भूत का भय छात्रओं के मन में बैठाने का ड्रामा भी जारी था। प्रकरण में कुछ छात्रओं के अभिभावकों द्वारा बीएसए से शिकायत भी की गई थी, लेकिन मामूली बात समझकर कोई कार्रवाई नहीं की गई।छात्रओं को पढ़ाई में नहीं लगा मनबालिका विद्यालय में हंगामा बढ़ने से छात्रओं का मन पढ़ाई में नहीं लग रहा। आवासीय बालिका विद्यालय में 100 छात्रए पंजीकृत हैं। कक्षाओं में तीन दिन पूर्व छात्रओं की उपस्थिति 58 थी। मंगलवार को छह छात्रओं के अवकाश पर जाने से संख्या 52 रह गई।सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं अभिभावकबालिका विद्यालय में पढ़ने वाली छात्रओं के परिजनों ने स्कूल पहुंचकर विरोध भी जताया। परिजनों ने विद्यालय का माहौल खराब बताकर अपने बच्चों को ले जाने की बात भी कही। अधिकांश अभिभावकों ने आरोप लगाते हुए बताया कि विद्यालय में अपनी बच्ची को शिक्षा ग्रहण करने के लिए भेजा है। लेकिन यहां तो बच्चियों की सुरक्षा पर ही सवाल खड़े हो रहे हैं।
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