इलाहाबाद : प्रदेश भर के अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक कालेजों में वर्ष भर चलने वाले तबादलों पर विराम लग गया है। अब केवल गर्मी की छुट्टी में 30 मई से 30 जून के तक ही प्रधानाचार्य व सहायक अध्यापकों के तबादले हो सकेंगे। शासन ने अशासकीय कालेजों की स्थानांतरण नियमावली में अन्य भी कई बदलाव किए हैं।
प्रदेश सरकार ने अशासकीय कालेज शिक्षकों की तबादला प्रक्रिया में अहम बदलाव किया है। पहले शिक्षक जिस संस्थान से दूसरे कालेज में जाना चाहते थे, उन दोनों के प्रधानाचार्य व प्रबंधक की सहमति लेकर स्थानांतरण पाने में सफल हो जाते थे। यह प्रक्रिया रह-रहकर वर्ष भर चलती रहती थी। हर दूसरे या फिर तीसरे महीने तबादलों को अफसरों की बैठक होती, उस पर अंकुश लगाने के लिए शासन को अलग से निर्देश जारी करते पड़ते थे। इस प्रक्रिया को शासन ने नियमावली के जरिए बदल दिया है।
प्रधानाचार्य व शिक्षकों को जिस संस्था से दूसरे कालेज में जाना होगा, उनकी सहमति लेने के साथ ही अब यह भी देखा जाएगा कि संबंधित कालेज के रिक्त पद का विज्ञापन जारी तो नहीं हो चुका है या फिर कालेज ने उस पद का अधियाचन तो नहीं भेज रखा है। ऐसे में तबादले से पहले माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड उप्र से स्वीकृति लेनी होगी व अधियाचन में बदलाव करके ही स्थानांतरण होंगे।
बदले नियमों में यह भी स्पष्ट किया गया है कि तबादला चाहने वाले प्रधानाचार्य या शिक्षक हर वर्ष 15 अप्रैल से 10 मई तक मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक कार्यालय में आवेदन करेंगे। डीआइओएस 30 मई तक चयन बोर्ड से रिक्त पद की रिपोर्ट लेंगे। उसके बाद वर्ष में केवल 30 मई से 30 जून तक ही तबादला आदेश जारी किए जाएंगे। इसके अलावा अन्य महीनों में कोई स्थानांतरण नहीं होगा।
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