इलाहाबाद : अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक कालेजों के प्रधानाचार्य व शिक्षकों का स्थानांतरण करने के निर्देश जारी हो गए हैं। शासन ने इन तबादलों का आदेश जारी करने के पहले शर्त जोड़ दी है, जिसके तहत शिक्षा निदेशालय को माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड उप्र की अनुमति लेनी होगी। उसके बाद ही स्थानांतरण आदेश निर्गत होंगे।
प्रदेश के अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक कालेजों के प्रधानाचार्य व अध्यापकों के एकल स्थानांतरण करने की मांग लंबे समय से हो रही है। शासन ने शिक्षा निदेशक माध्यमिक को अब आदेश जारी किया है कि इन कालेजों के तबादला प्रकरणों का पहले परीक्षण कराया जाए। उसका औचित्य पाए जाने पर सशर्त अनुमति दी जाए। कहा गया है कि जिन पदों का विज्ञापन माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड उप्र की ओर से प्रकाशित किया जा चुका है, उन पदों पर स्थानांतरण नहीं किया जाएगा। वहीं, जिन पदों का अधियाचन चयन बोर्ड को भेजा जा चुका है और अभी विज्ञापन निर्गत नहीं हुआ है। उन पदों के संबंध में चयन बोर्ड को सूचित करके अधियाचन में बदलाव कराया जाए।
नवीन तैनाती के स्थान को अधियाचन से अलग करके पूर्व तैनाती के स्थान को उसमें जोड़ा जाए। माध्यमिक शिक्षा सचिव संध्या तिवारी ने निर्देश दिया है कि एकल स्थानांतरण का आदेश उक्त अधियाचन परिवर्तन की सूचना माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड उप्र से उपलब्ध होने पर ही किया जाए। इस निर्देश से स्पष्ट है कि अशासकीय कालेजों के प्रधानाचार्य व शिक्षकों के तबादले में चयन बोर्ड की अनुमति अनिवार्य हो गई है। इससे शिक्षक भर्तियों में भी पारदर्शिता रहेगी। साथ ही अफसर किसी शिक्षक का अब गुपचुप तबादला नहीं कर सकेंगे।
इसके पहले अशासकीय कालेजों के शिक्षक जिस कालेज से जा रहे हैं और जहां पर नियुक्ति पानी है, दोनों की सहमति लेकर अफसरों से आसानी से आदेश लेते रहे हैं। चयन बोर्ड से चयनित अभ्यर्थियों को कालेज आवंटित होने पर बैरंग वापस लौटना पड़ा है।
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