दशमोत्तर कक्षाओं के अनुसूचित जाति और अनुसूचित जन जाति के छात्रों को छात्रवृत्ति और शुल्क प्रतिपूर्ति राशि पाने के लिए अब नए मानकों पर खरा उतरना पड़ेगा।
-केएस मिश्रा, जिला समाज कल्याण अधिकारी
ये बड़े बदलाव
•केंद्रीय व राज्य विश्वविद्यालयों से डिस्टेंस लर्निंग के जरिए पढ़ाई करने वाले स्कॉलरशिप के पात्र होंगे।
•छात्रवृत्ति और शुल्क प्रतिपूर्ति की राशि केवल एक कक्षा में मिलेगी, एक वर्ग में लाभ पाने वाले को उसी कक्षा के दूसरे वर्ग में फिर लाभ नहीं मिलेगा।
•छात्रवृत्ति लेकर यदि किसी छात्र ने पढ़ाई बीच में छोड़ दी तो धनराशि वापस करनी होगी। रिकवरी की जिम्मेदारी संस्थान की होगी।
•जिला स्तर पर शिकायतों की सुनवाई जिला समाज कल्याण अधिकारी करेंगे, मंडलस्तर पर मंडलीय उप निदेशक और राज्य स्तर पर छात्रवृत्ति अधिकारी नोडल मुख्यालय करेंगे।
•भोलानाथ शर्मा, लखनऊ
अब मैनेजमेंट कोटे या स्पॉट कोटे की सीट से इंजिनयरिंग-मेडिकल समेत अन्य पाठ्यक्रमों में दाखिला लेने वालों को स्कॉलरशिप नहीं मिलेगी। सरकार की ओर से अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति के दशमोत्तर कक्षाओं के छात्रों को मिलने वाली छात्रवृत्ति और शुल्क प्रतिपूर्ति के नियमों में बदलाव कर दिया गया है। शासन की ओर से सातवीं बार यह संशोधन किया गया जो समाज कल्याण विभाग को लागू करने के लिए भेज दिया गया है।
प्रवेश परीक्षा से दाखिले वाले ही पात्र : नए नियमों के तहत अब जो अभ्यर्थी प्रवेश परीक्षा के माध्यम से दाखिला लेंगे उन्हें छात्रवृत्ति के लिए पात्र माना जाएगा। साथ ही अभ्यर्थी की ओर से किसी सरकारी या प्राइवेट कॉलेज में ऐडमिशन लेकर एक बार पूरी फीस जमा कर दी है तो उसे भी इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा।
यूआईडीएआई से होगा करार : शुल्क प्रतिपूर्ति के आवेदन करने के दौरान छात्र को सही आधार नंबर देना होगा। किसी छात्र ने गलत आधार दिया तो कॉलेजों को चेक करना होगा। इसके बाद भी यदि किसी कॉलेज ने आवेदन आगे बढ़ा दिया तो वह निरस्त हो जाएगा। आधार नंबर में फर्जीवाड़ा पकड़ने के लिए समाज कल्याण विभाग भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) से करार करेगा।
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