भुगतान को लेकर असमंजस यूपी बोर्ड ने सुविधा भले ही ऑनलाइन अपलोड कर दी है लेकिन, भुगतान को लेकर असमंजस बना है। क्योंकि हाईस्कूल व इंटर के अंक सहप्रमाणपत्र डुप्लीकेट जारी करने में 200 रुपये शुल्क लिया जाता है। जब यह प्रमाणपत्र ऑनलाइन होगा तो उसका भुगतान कैसे लिया जाएगा। हालांकि शासन ने भी इस संबंध में स्थिति स्पष्ट नहीं की है।
यूपी बोर्ड की 2018 हाईस्कूल व इंटरमीडिएट परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले छात्र-छात्रओं के लिए खुशखबरी है। यदि उन्होंने अब तक कालेज से अंक सहप्रमाणपत्र हासिल नहीं किया है तो वह घर बैठे मूल अंक प्रमाणपत्र डाउनलोड कर सकते हैं। बोर्ड ने वेबसाइट पर सभी परीक्षार्थियों के अंक सहप्रमाणपत्र अपलोड कर दिए हैं। इन प्रमाणपत्रों पर बार कोड डाला गया है, जिसे मोबाइल पर स्कैन करते ही पता चल जाएगा कि प्रमाणपत्र सही है या नहीं।
यूपी बोर्ड मुख्यालय व उसके क्षेत्रीय कार्यालयों में छात्र-छात्रओं व उनके अभिभावकों को किसी दशा में न दौड़ाने के सख्त निर्देश हैं। शासन ने जनहित की सुविधाएं ऑनलाइन देने के निर्देश दिए हैं। ऐसे में बोर्ड से मिलने वाले अंक सहप्रमाणपत्र को वेबसाइट पर अपलोड करने का सिलसिला जारी है। 2013 से 2017 तक के प्रमाणपत्र पहले ही बोर्ड की वेबसाइट पर अपलोड हो चुके हैं, जिन्हें छात्र-छात्रएं घर बैठे आसानी से निकाल सकते हैं। यह सुविधा चार क्षेत्रीय कार्यालयों इलाहाबाद, वाराणसी, बरेली व मेरठ के छात्रों को ही मिल सकी थी, क्योंकि तब तक गोरखपुर कार्यालय अस्तित्व में नहीं आया था। बोर्ड सचिव नीना श्रीवास्तव ने बताया कि 2018 की परीक्षा में बैठने वाले सभी परीक्षार्थियों के अंक सहप्रमाणपत्र वेबसाइट पर अपलोड हैं, इसमें चारों क्षेत्रीय कार्यालयों के साथ ही गोरखपुर कार्यालय भी शामिल है। यदि कलर प्रिंटर होगा तो कालेज से मिलने वाले प्रमाणपत्र जैसा यह भी दिखेगा। इसे वेबसाइट पर जनहित गारंटी सेवा में अपलोड किया गया है। छात्र-छात्र को अपना रोल नंबर अंकित करना होगा।
इलाहाबाद क्षेत्रीय कार्यालय के अपर सचिव डा. प्रदीप सिंह ने बताया कि बोर्ड ने 2002 से लेकर 2017 तक के प्रमाणपत्र ऑनलाइन कर रखे हैं। इसीलिए अब प्रमाणपत्र सत्यापन का बोझ नहीं है। अधिकांश सरकारी व गैर सरकारी महकमे ऑनलाइन ही सत्यापन कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि यह सुविधा धीरे-धीरे बढ़ाई जा रही है। 1’>>पांचों क्षेत्रीय कार्यालयों के 2018 के अंक सहप्रमाणपत्र वेबसाइट पर अपलोड1’>>गोरखपुर को छोड़ चारों कार्यालयों के पांच वर्ष के प्रमाणपत्र पहले से अपलोड
No comments:
Write comments