जागरण संवाददाता, अलीगढ़ : यह सुनने में भले ही अटपटा लगे, लेकिन है सच। जिले में लोकसभा चुनाव के लिए मतदाता सूची पुनरीक्षण अभियान एक बार फिर की भेंट चढ़ सकता है। 24 दिन में एक बीएलओ ने महज दो वोट बनाए हैं। जिले में कुल 3005 बीएलओ महज 6559 वोट बना पाए हैं। प्रशासनिक अफसर इस अभियान में दिलचस्पी तक नहीं ले रहे हैं। इसी के चलते शासन ने अब मतदाता सूची पुनरीक्षण की अंतिम तिथि 30 जून से बढ़ाकर 15 जुलाई तक कर दी है। अगले साल लोकसभा चुनाव होने हैं। चुनाव आयोग के निर्देश पर मतदाता सूची पुनरीक्षण अभियान चल रहा है। एक जून से 30 जून तक यह अभियान चलना था। इसमें नए वोट बनाने के साथ ही नाम संशोधन एवं मृत वोट को अलग किया जाना था। इस अभियान में बीएलओ को घर-घर जाकर वोट बनाने हैं। लेकिन, शुरुआत से ही इस अभियान में अधिकांश अफसरों ने दिलचस्पी नहीं ली है। बीएलओ के कार्य का निरीक्षण तक नहीं किया गया। वह मनमर्जी से अपने बूथों पर काम करते रहे। मौजूदा समय में जिले में कुल 3005 बूथ हैं। एक बूथ पर एक बीएलओ की तैनात है। मतदाता सूची पुनरीक्षण अभियान के शुरुआती 24 दिनों में महज 6559 वोट बने हैं। इनमें 2585 मतदाता 18 व 19 वर्ष के हैं। सात हजार मतदाताओं के नामों व पते में संशोधन किया गया है। छह वोट मतदाता सूची से अलग किए गए हैं।
निकाय चुनावों में गड़बड़ी के चलते प्रशासन की हुई थी खूब फजीहत ,मतदाता सूची पुनरीक्षण की अंतिम तिथि बढ़ाकर 15 जुलाई की, निकाय चुनाव में हुई थी फजीहत :
निकाय चुनावों में मतदाता सूची में गड़बड़ी के चलते अफसरों की खूब फजीहत हुई थी। हर मोहल्ले में सैकड़ों मतदाता इधर-उधर हो गए थे। हजारों लोगों के नाम कट गए। इसी कारण आयोग ने भी इस पर सख्ती करते हुए जांच कराई थी। आयोग की कोशिश है कि लोकसभा चुनाव में फिर ऐसी गलती न हो। अभी 24 जून तक के आंकड़े आए हैं। इनमें 6559 वोट बने हैं। आयोग ने अब इसकी तिथि 15 जुलाई तक कर दी है।
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