जागरण संवाददाता, पडरौना, कुशीनगर: ग्रीष्मावकाश के बाद सोमवार को परिषदीय विद्यालय खुल गए। अधिकांश विद्यालयों पर एक या दो शिक्षक ही नजर आए, जो विभागीय काम-काज में व्यस्त रहे। शिक्षकों की कमी पहले ही दिन खल गई। वहीं बीते दिनों हुए अंतरजनपदीय स्थानांतरण के तहत जिले से बड़ी संख्या में हुए शिक्षकों के तबादले के बाद पडरौना, फाजिलनगर, तमकुहीराज सहित आधा दर्जन विकास खंड में शिक्षकों के अभाव में विद्यालयों के बंद होने की खबर मिली। हालांकि विभाग द्वारा आस-पास के स्कूलों पर तैनात शिक्षकों के सहारे इन विद्यालयों के संचालन की बात कही गई।इधर सुबह से ही जनपद में शुरू मूसलाधार बारिश के चलते शिक्षक तो विद्यालय पर उपस्थित हुए, लेकिन बच्चों की उपस्थित नगण्य रही। इसका असर हुआ कि संचारी रोग पर नियंत्रण को लेकर आयोजित होने वाली जागरुकता रैली नहीं निकाली जा सकी। मूसलाधार बारिश से नगर स्थित प्राथमिक व जूनियर हाईस्कूल, काबीना मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य द्वारा गोद लिया गया प्राथमिक विद्यालय सोहरौना सहित नगर क्षेत्र व आस-पास के गांवों में स्थित स्कूलों में जल भराव की समस्या कायम हो गई। बच्चों की उपस्थिति न होने के चलते ड्रेस वितरण कार्यक्रम की भी शुरूआत न हो सकी। शासन से मिले निर्देश के अनुसार दो से 15 जुलाई के बीच बच्चों में ड्रेस वितरण का काम पूरा कर लेना है। अधिकांश विद्यालयों में पहले ही दिन ड्रेस वितरण की तैयारी भी थी।
1732 के सापेक्ष आए सिर्फ 14 शिक्षक :
बीते दिनों हुए अंतरजनपदीय स्थानांतरण के तहत जनपद से प्राथमिक विद्यालय के 732 सहायक अध्यापकों का तबादला गैर जनपद के लिए हुआ। जबकि गैर जनपद से महज 14 सहायक अध्यापक प्राथमिक व जूनियर कुशीनगर आए। ऐसे में पहले से ही शिक्षकों की कमी से जूझ रहे जिले में यह समस्या और भी बढ़ गई है। जानकारों के अनुसार तबादले के बाद पडरौना में आठ, फाजिलनगर में 15, तमकुहीराज में 11, दुदही में 6 सहित आधा दर्जन विकास खंड के करीब 50 विद्यालय शिक्षकों के अभाव में बंद की स्थिति में हैं। प्रभारी बीएसए उदय प्रकाश मिश्र का कहना है कि परिषदीय विद्यालयों में शिक्षकों की कमी जरुर है, पर विद्यालय बंद नहीं होने दिया जाएगा। ऐसे विद्यालयों को संचालित करने की जिम्मेदारी आस-पास के विद्यालयों पर तैनात शिक्षकों पर है। जहां दो या इससे अधिक शिक्षक तैनात हैं, वह बंद होने वाले विद्यालयों में पठन-पाठन का कार्य सुचारु रूप से करेंगे।सोहरौना के प्राथमिक विद्यालय व आंगनबाड़ी केंद्र परिसर में भरा बारिश का पानी।
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