संवाद सूत्र, चरथावल (मुजफ्फरनगर) :
कस्बे के नालंदा पब्लिक स्कूल की बस सोमवार को अनियंत्रित होकर खाई में जा गिरी। इस हादसे में पांच बच्चे घायल हो गए। क्लीनर को भी चोट लगी है। रोनी हरजीपुर निवासी बस चालक शक्ति सिंह और क्लीनर सतबीर सिंह स्कूली बच्चों को लेने के लिए सिकंदरपुर, पीपलशाह और रोनी हरजीपुर गांव गए थे। करीब 15 छात्र-छात्रओं को लेकर लौट रही बस हिंडन नदी के निकट अनियंत्रित होकर पलट गई। हादसे के बाद चीख-पुकार मच गई। आसपास के किसानों ने शीशे तोड़कर बच्चों को बाहर निकाला। रोनी हरजीपुर निवासी आयुष पुत्र नीरज, अंशिका पुत्री नीरज, गरिमा पुत्री पंकज, तनुज शर्मा पुत्र राजीव और पीपलशाह निवासी दीप्ति पुत्री संजीव तथा परिचालक घायल हो गए। प्राथमिक उपचार के बाद सभी को जिला चिकित्सालय में भर्ती कराया गया है। पुलिस की ओर से स्कूल प्रबंधक, प्रधानाचार्य, ट्रांसपोर्ट इंचार्ज और चालक शक्ति सिंह के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत किया गया है। प्रधानाचार्य संजय सिंह का कहना है कि चालक प्रशिक्षित है। हादसे की वजह की जांच कराई जा रही है। इंस्पेक्टर विंध्याचल तिवारी का कहना है कि चालक की लापरवाही से हादसा हुआ है। बस में कई मानक अधूरे हैं।1बड़ा हादसा टला :बस चरथावल-रोहना मोड़ पर अनियंत्रित हुई। पास में ही हिंडन नदी है। बस नदी में गिरने से बाल-बाल बची है। शुक्र रहा कि बड़ा हादसा टल गया।
चरथावल के रोहाना-चरथावल मोड़ पर खाई में गिरी स्कूल बस, स्कूल बस पलटने से घायल हुए बच्चे, जागरण : चरथावल में स्कूली बस पलटने की जानकारी पर पहुंचे बच्चों के अभिभावक:
जागरणजागरण संवाददाता, मुजफ्फरनगर :
जनपद में स्कूली वाहन मानकों को रौंद कर दौड़ लगा रहे हैं। पंजीकृत के अलावा दर्जनों वाहन बिना परमिट के बच्चों को ले आ-ले जाने का काम करते हैं। अधिकतर स्कूली वाहनों के पास बीमा पालिसी भी थर्ड पार्टी के हैं। ऐसे में कोई हादसा होता है तो पीड़ितों को लाभ तक नहीं मिल सकेगा। साथ ही स्कूली वाहनों को गैस किट लगाकर चलाया जा रहा है, जो पूरी तरह से नियम विरुद्ध है। चरथावल में हादसे की शिकार हुई स्कूली बस की फिटनेस एआरटीओ की जांच में वैध मिली है। हालांकि बस के भीतर सुविधाएं पूरी नहीं मिली हैं। बस में समुचित सुरक्षा प्रबंध, आपातकालीन द्वार, अग्निशमन उपकरण, बस में यात्र करने वाले बच्चों की सूची के साथ ब्लड ग्रुप डिटेल नहीं मिली है। इसको लेकर सवाल खड़े हो गए हैं। हादसे को लेकर अभिभावक भी भयभीत हैं। चूंकि चालक ने बस को स्पीड से दौड़ाया है। इसके चलते उसके प्रशिक्षित होने पर भी संशय बना हुआ है। दुर्घटना के बाद बच्चे भी सहम गए हैं। वहीं, एआरटीओ ने हादसे के बाद सख्ती बढ़ा दी है। नगर के साथ कस्बों के स्कूली वाहनों की फिर से जांच-पड़ताल होगी। इनमें मानकों के साथ चालक-परिचालक, प्रबंधकों आदि से जानकारी ली जाएगी।
जनपद में 530 दर्ज हैं स्कूली वाहन, मुजफ्फरनगर :
जिले में स्कूली वाहनों के रूप में बस, मिनी बस, टाटा मैजिक, वैन आदि लगभग 530 वाहन दर्ज हैं, जिन्हें स्कूल खुलने से पहले जांच होती है। हालांकि विभाग ने जांच कर लगभग 100 से ज्यादा वाहनों को अनफिट कर दिया था। इनमें मानक पूरे नहीं थे। स्कूल प्रबंधकों को मानक पूरे करने के निर्देश दिए गए। वाहन का रंग पीला होना जरूरी। वाहन पर स्कूल का नाम, नंबर लिखना अनिवार्य। वाहन के भीतर-बाहर आपातकालीन नंबर लिखे जाएं। फायर ब्रिगेड के इंतजाम होने चाहिए। प्राथमिक उपचार के लिए किट अनिवार्य। सीट आरामदायक हो, भीतर जगह होनी चाहिए। बस में स्पीड गवर्नर लगा होना भी आवश्यक। चालक की पूरी डिटेल, लाइसेंस अंकित होना चाहिए। बच्चों को चढ़ाने-उतारने वाला अटेंडेंट भी जरूरी। बीमा व अन्य कागजात पूरे होना अनिवार्य। चरथावल में जो बस पलटी है, उसका फिटनेस वैध है। हालांकि बस में खामियों की जांच हो रही है। कमी मिली तो स्कूल के खिलाफ कार्रवाई होगी। बिना मानकों को पूरा किए फिटनेस प्रमाण-पत्र नहीं दिया जाएगा।
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