संसू, सीतापुर: रोहिला गांव में गैर मान्यता प्राप्त विद्यालय में हुए हादसे के बाद महोली कस्बे में देर रात हाई-वोल्टेज ड्रामा चल रहा था। बीएसए के बार-बार बुलाने पर बीईओ महोली देर रात पहुंचे तो मुकदमा दर्ज कराने से इंकार कर दिया था। बीएसए व बीईओ मुख्यालय के समझाने के बाद भी वह मुकदमा दर्ज कराने के लिए राजी नहीं हुए। अर्धरात्रि के बाद तहरीर दी तो विद्यालय का नाम व उसके संचालक का तहरीर में जिक्र ही नहीं किया था। अगले दिन बीएसए ने नामजद केस दर्ज कराने को कहा तो बीईओ ने मना कर दिया, जिसके बाद बीईओ मुख्यालय को भेजकर बीएसए को मुकदमा दर्ज कराना पड़ा था। रोहिला गांव में शशिकांत के घर में इकलौते बेटे नितिन की मौत पर कोहराम मचा था तो महोली कस्बे में बीएसए व बीईओ महोली के बीच तकरार चल रही थी। घटनास्थल पर पहुंचे बीएसए ने बीईओ को कई बार फोन करके मौके पर बुलाया। देर रात बीईओ महोली कस्बे पहुंचे तो बीएसए ने उनसे अमान्य विद्यालय के संचालक को नामजद करते हुए केस दर्ज कराने को कहा। इस पर बीईओ ने बीएसए से ही मुकदमा लिखाने को कहा। इसको लेकर काफी देर तक असमंजस की स्थिति बनी रही। क्षेत्र होने के कारण बीएसए व बीईओ मुख्यालय ने काफी देर तक बीईओ महोली को समझाया तो रात दो बजे बीआरसी का ताला खोला गया। बीईओ ने तहरीर टाइप कराई, लेकिन उसमें अमान्य विद्यालय व उसके संचालक का नाम ही नहीं दिया। अगले दिन तीन सदस्यीय रिपोर्ट आने के बाद बीएसए ने बीईओ को फोन करके तहरीर बदलकर नामजद करने को कहा। इससे बीईओ महोली स्वदीप कनौजिया ने इससे साफ इंकार कर दिया। जिसके बाद बीएसए को बीईओ मुख्यालय संजय कुमार राय को भेजकर तहरीर बदलवाकर मुकदमा दर्ज कराया। शासन को भेजी गई बीईओ के निलंबन की संस्तुति रिपोर्ट में भी बीईओ के इंकार किए जाने का जिक्र किया गया है।
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