फतेहपुर : माध्यमिक एवं परिषदीय विद्यालयों में बनाकर बांटा जाने वाला एमडीएम (मध्याह्न भोजन) यूं तो कागजों में पहले से ही दुरुस्त चल रहा है। पड़ताल में बेसिक शिक्षामंत्री ने इस महत्वाकांक्षी योजना में पारदर्शिता की जरूरत को देखते हुए सोशल मीडिया एवं डिजिटल आपरेशन से जोड़े जाने की पहल शुरू की है। शासन ने बीएसए से एमडीएम का डाटा अपडेट करते हुए तत्काल इसे भेजने के निर्देश दिए हैं।
बेसिक शिक्षा और माध्यमिक शिक्षा में कक्षा 8 तक के छात्र-छात्रओं स्कूल अवधि में मध्यावकाश के समय भोजन बनाकर वितरित किया जा रहा है। इस योजना को पारदर्शी ढंग से क्रियान्वित करने के लिए मां समूह का गठन किया गया है। इस समूह को बेसिक शिक्षामंत्री ने समूह की महिला सदस्यों के नाम के साथ पति का नाम एवं मोबाइल नंबर दर्ज कर भेजने को कहा है। निर्देशित किया है कि विद्यालय में एक रजिस्टर रखवाया जाए। जिसमें समूह की सदस्य भोजन को चखने के साथ वितरण एवं अनुश्रवण लिख कर दर्ज करते हुए हस्ताक्षर करेंगी। सुझाव रजिस्टर को प्रतिमाह बेसिक शिक्षा कार्यालय मंगाया जाएगा जिससे उनके सुझाव पर विचार किया जा सके। बीएसए शिवेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि शिक्षामंत्री के आदेश पर बदलाव करते हुए मांगी गई सूचना भेजी जा रही है। समूह के सदस्यों को नए अधिकार दिए जाने के पीछे पारदर्शी माध्यम से एमडीएम का क्रियान्वयन है।
क्या है मां समूह : शासन के निर्देश पर एमडीएम बांटे जाने वाले विद्यालयों में मां समूह का गठन किया गया है। इस समूह में विद्यालय में पढ़ने वाले 6 बच्चों की माताओं को मां समूह का सदस्य बनाया गया है। इस समूह की निगरानी में एमडीएम का बनाया जाना एवं वितरण होता आया है। छह महिला सदस्यों को समूह में शामिल करने के साथ ही एक सदस्य का विद्यालय आना और एमडीएम का चखा जाना जरूरी है।
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