2022 तक विवि व कॉलेजों की गुणवत्ता होगी दुरुस्त
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली: उच्च शिक्षण संस्थानों की गुणवत्ता को बेहतर बनाने में जुटी सरकार ने फिलहाल इस दिशा में एक बड़ा कदम बढ़ाया है। इसके तहत 2022 तक देश भर के सभी विश्वविद्यालय और कॉलेज न्यूनतम गुणवत्ता से लैस होंगे। यूजीसी ने इसे लेकर पूरी योजना तैयार कर ली है जो जल्द ही विवि और कॉलेजों में चरणबद्ध तरीके से लागू होगी। मौजूदा समय में देश भर में 903 विश्वविद्यालय और करीब 39 हजार कॉलेज हैं। इनमें 45 केंद्रीय विवि, 352 राज्य विवि और 262 निजी विवि हैं।
योजना के तहत विवि और कॉलेजों में वह सभी संसाधन और सुविधाएं जुटाई जाएंगी, जो राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (नैक) की न्यूनतम ग्रेडिंग (2.5) हासिल करने के लिए जरूरी हैं। फिलहाल यूजीसी ने विवि और कॉलेजों से मौजूदा संसाधनों का नैक की ग्रेडिंग के आधार पर आंकलन करने को कहा है, ताकि बाकी जरूरी सुविधाओं को जुटाया जा सके। यूजीसी ने इस दौरान गुणवत्ता के जिन मापदंड को आधार बनाया है, उनमें स्नातक में प्रवेश लेने वाले कम से कम से पचास फीसद छात्रों को सुनिश्चित रोजगार देने या स्वरोजगार के लायक बनाना है। इसके तहत इन संस्थानों में पढ़ने वाले दो-तिहाई छात्रों को सामाजिक गतिविधियों से जोड़ना जैसी पहल शामिल है। शिक्षकों के दस फीसद से ज्यादा पदों को खाली न रखना, शत-प्रतिशत शिक्षकों को समय-समय पर प्रशिक्षण देना, स्कूलों की तरह लर्निग आउटकम कोर्स तैयार करना, शोध कार्यो को बढ़ावा देना आदि शामिल है।
>>यूजीसी ने बनाई योजना, नैक के न्यूनतम मापदंड को करेंगे पूरा
>>नैक ग्रेडिंग होगा आधार, न्यूनतम 2.5 की ग्रेडिंग होगी जरूरी
No comments:
Write comments