58 हजार एससी छात्रों को वित्त विभाग का झटका
राज्य ब्यूरो, लखनऊ : पिछले शैक्षिक सत्र में दशमोत्तर छात्रवृत्ति व शुल्क प्रतिपूर्ति पाने से वंचित रह गए अनुसूचित जाति (एससी) के 58 हजार से ज्यादा छात्रों को वित्त विभाग ने तगड़ा झटका दिया है। फंड की कमी बताते हुए वित्त विभाग ने इन छात्रों के लिए समाज कल्याण विभाग की ओर से मांगी गई 178 करोड़ रुपये की धनराशि देने से फिलहाल मना कर दिया है। अब निगाहें विधानमंडल के मानसून सत्र में सरकार की ओर से पेश किये जाने वाले अनुपूरक बजट पर लगी हैं।
पिछले वित्तीय वर्ष में अनुसूचित जाति के 58093 छात्र दशमोत्तर छात्रवृत्ति व शुल्क प्रतिपूर्ति से वंचित रह गए थे। इनमें से 16,486 छात्र ऐसे हैं जिनके खाते में छात्रवृत्ति या शुल्क प्रतिपूर्ति की रकम ट्रांजेक्शन फेल हो जाने के कारण नहीं पहुंच सकी। इन छात्रों को पिछले सत्र की छात्रवृत्ति/शुल्क प्रतिपूर्ति के लिए समाज कल्याण विभाग ने वित्त विभाग से 29.61 करोड़ रुपये की मांग की है। 1 शुल्क प्रतिपूर्ति से वंचित बाकी 41,607 छात्रों में से 17032 ऐसे हैं जिन्हें फंड के अभाव में बीती 31 मार्च तक छात्रवृत्ति नहीं मिली या शुल्क प्रतिपूर्ति नहीं हो सकी। वहीं लगभग 20 हजार छात्र ऐसे हैं जिन्हें किन्हीं कारणों से संदेहास्पद (सस्पेक्ट) श्रेणी में डाल दिया गया था। बीती अप्रैल और मई में छात्रवृत्ति व शुल्क प्रतिपूर्ति के वेबपोर्टल को खुलवाकर जिला स्तरीय समिति से इन छात्रों के बारे में निर्णय कराया गया। बाकी छात्र वे हैं जिनके शिक्षण संस्थानों ने उनके आवेदन फारवर्ड करते हुए उनमें फीस नहीं भरी थी। समाज कल्याण विभाग ने हस्तक्षेप कर आवेदन पत्रों में इन छात्रों की फीस भरवायी।
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