250 शिक्षामित्रों की जारी होगी लिस्ट
यूआरसी में हुई मलवां ब्लॉक की समायोजन काउंसिलिंग
जागरण संवाददाता, फतेहपुर : शिक्षामित्रों के समायोजन का काम रुकावटों के बाद शुरू हो गया है। मूल विद्यालयों की पहली 723 शिक्षामित्रों की सूची जारी करने के ठीक दूसरे दिन बाद 250 शिक्षामित्रों को राहत दे दी है। सूची जारी होते ही शिक्षामित्रों के चेहरे में मुस्कान आ गई है। अब उन्हें दायित्व निर्वहन के लिए लंबी दूरी नहीं नापनी पड़ेगी।
शासन के निर्देश पर शिक्षामित्रों को उनके मूल विद्यालयों में भेजे जाने के काम को अंतिम रूप दिया जा रहा है। शिक्षामित्रों की बात करें तो जिले में 2394 शिक्षामित्र तैनात हंै। इसमें पहली और दूसरी सूची में 713 शिक्षामित्रों को समायोजन का लाभ दिया जा चुका है और 900 शिक्षामित्रों ने समायोजन के बाद तैनाती वाले विद्यालयों में रहना पसंद किया है। इस तरह से कुल मिलाकर 1613 शिक्षामित्रों का काम पूरा कर दिया गया है। 781 शिक्षामित्रों के प्रकरण में प्राथमिक विद्यालयों में दो शिक्षामित्रों पद सृजन के सापेक्ष अधिक विकल्प भर कर आए हैं। 1बीएसए शिवेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि शिक्षामित्रों के समायोजन में 781 शिक्षामित्रों का लिस्ट तैयार कराई जानी है। प्राथमिक विद्यालयों में सृजित पदों से अधिक शिक्षामित्र नहीं भेजे जा सकते हैं। इसलिए इस मामले में शासन से मार्ग दर्शन मांगा जाएगा।
>>900 शिक्षामित्रों को तैनाती वाली जगह ही पसंद
>>723 शिक्षामित्रों को पहले ही मूल स्कूल भेजा गया
जागरण संवाददाता, फतेहपुर : प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक स्कूलों में सरप्लस शिक्षकों के समायोजन को लेकर आयोजित की गई शिक्षकों की काउंसिलिंग गुरुवार को नगर संसाधन केंद्र (यूआरसी) में आयोजित की गई। शिक्षकों की शिकायत पर बीएसए ने मलवां ब्लाक की समायोजन काउंसिलिंग यूआरसी में दोबारा कराने का आदेश दिया था। इसके क्रम में खंड शिक्षाधिकारी मुख्यालय राकेश सचान को प्रक्रिया कराने के लिए नामित किया गया था। काउंसिलिंग में पारदर्शी माध्यम न अपनाए जाने और काउंसिलिंग में विद्यालय न दिखाए जाने और बाद में इन विद्यालयों को शामिल किए जाने का आरोप लगाया गया था। बीएसए शिवेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि काउंसिलिंग में 12 शिक्षक-शिक्षिकाओं ने प्रतिभाग किया। प्रक्रिया को पूरी तरह से पारदर्शी बनाते हुए दोबारा काउंसिलिंग कराने का निर्णय लिया गया था।प्रक्रिया को जिला मुख्यालय में कराकर शिक्षकों को संतुष्ट कर दिया गया है।
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