• एनबीटी संवाददाता, लखनऊ: इस बार यूपी बोर्ड परीक्षा में स्कूल से नदारद रहने वाले परीक्षार्थी पेपर नहीं दे सकेंगे। इस बार 75 प्रतिशत उपस्थिति अनिवार्य कर दी गई है। जिनकी उपस्थिति इससे कम होगी उनका प्रवेश पत्र ही रोक दिया जाएगा। उपस्थिति दर्ज करने के लिए छात्र-छात्राओं की बायोमीट्रिक उपस्थिति अनिवार्य कर दी गई है। अगर छात्र नहीं आ रहा है तो शिक्षक उसके घर जाएं, लेकिन फर्जी उपस्थिति न लगाएं। बुधवार को जिला विद्यालय निरीक्षक डॉ. मुकेश कुमार सिंह ने यह निर्देश नैशनल इंटर कॉलेज में हुई राजकीय एवं एडेड माध्यमिक विद्यालयों के प्रिंसिपलों की बैठक में दिए। इसमें 133 कॉलेजों के प्रिंसिपल उपस्थित थे।
यूपी बोर्ड परीक्षा के ऑनलाइन केंद्र निर्धारण की प्रक्रिया में की जा रही लापरवाही पर डीआईओएस ने सबकी क्लास भी ली। बैठक में एडेड स्कूलों की कम छात्र संख्या का मुद्दा भी उठा। डीआईओएस ने कहा कि शहर में कई ऐसे स्कूल हैं जहां छात्र संख्या ढूंढनी पड़ रही है। इस बार कम छात्र संख्या कम मिली तो वेतन रोक दिया जाएगा। राजकीय व ऐडेड माध्यमिक विद्यालयों में प्रतियोगी परीक्षाएं कराना भी अनिवार्य कर दिया गया।
बच्चे न होने पर शिक्षिका निलंबित: सरोजनीनगर के प्राथमिक विद्यालय अनूप खेड़ा में तैनात इंचार्ज अध्यापिका कुसुम लता को बीएसए डॉ. अमरकांत सिंह ने बुधवार को निलंबित करने का नोटिस जारी किया। साथ ही शिक्षामित्र जय देवी की सेवा समाप्त कर दी है। डॉ. अमरकांत सिंह ने बताया कि प्राथमिक विद्यालय अनूप खेड़ा में छात्र संख्या शून्य होने की जानकारी पर जिलाधिकारी ने कार्रवाई के निर्देश दिए थे। उन्होंने बताया कि जहां छात्र संख्या कम है, वहां बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। यदि किसी विद्यालय में छात्र संख्या शून्य हुई तो शिक्षक जिम्मेदार होंगे।
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