इधर पदस्थापन, उधर सरप्लस
परिषदीय विद्यालय
जागरण संवाददाता, वाराणसी : राइट-टू-एजुकेशन (आरटीई) अधिनियम के मानक के अनुसार जनपद के विभिन्न ों में 704 शिक्षक सरप्लस हैं। वहीं विभिन्न ब्लाकों में 864 पद भी रिक्त चल रहे हैं। इसे देखते हुए जनपद में सरप्लस शिक्षकों का स्थानांतरण दूसरे विद्यालयों में करने की तैयारी है। खास बात यह है कि अंतरजनपदीय स्थानांतरण के तहत करीब एक माह पहले 300 शिक्षकों का पदस्थापन किया गया था। इनमें से भी करीब 100 शिक्षकों को सरप्लस मानते हुए दूसरे विद्यालयों में समायोजित किया जा रहा है। इसे लेकर शिक्षकों में रोष है।
इस संबंध में उत्तर प्रदेशीय जूनियर हाईस्कूल (पूर्व माध्यमिक) शिक्षक संघ का एक प्रतिनिधिमंडल मंगलवार को डीएम व बीएसए से मिला और उन्हें पत्रक भी सौंपा। शिक्षकों ने समायोजन में अनियमितता का आरोप लगाते हुए इसे संशोधित करने की मांग की है। शिक्षकों का कहना है कि वर्ष 2010 की छात्रसंख्या के आधार पर नियुक्तियां की जा रही हैं। पत्रक सौंपने वालों में संघ के जिलाध्यक्ष विनोद कुमार उपाध्याय, आशीष कुमार श्रीवास्तव, रवींद्र नाथ यादव, शिव जतन यादव सहित अन्य लोग शामिल थे।
पदस्थापक 2010 की छात्र संख्या पर,
समायोजन की सूची वर्ष 2017 के आधार पर
अलग-अलग मानक को लेकर शिक्षकों में रोष, डीएम व बीएसए को सौंपा पत्रक
शिक्षकों का आरोप बेबुनियाद है। शिक्षकों का समायोजन पूरी तरह नियम संगत तरीके से किया जा रहा है। सरप्लस शिक्षकों से पहले विकल्प लिए जाएंगे। विकल्प के अनुसार ही शिक्षकों का पदस्थापन किया जाएगा। -जय सिंह, बीएसए
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