’इलाहाबाद : शासन ने एमफिल-पीएचडी उपाधि के लिए नए न्यूनतम मानक तय कर दिए हैं। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) विनियम 2016 को उच्च शिक्षा विभाग के अधीन राज्य विश्वविद्यालयों में लागू कर दिया गया है।
अपर मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश शासन संजय अग्रवाल मो 24 अगस्त को सभी राज्य विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को पत्र लिखा है। इसमें विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा एमफिल/पीएचडी उपाधि के लिए न्यूनतम मानक एवं प्रक्रिया विनियम 2016 को उच्च शिक्षा विभाग के अधीन सभी राज्य विश्वविद्यालयों में लागू करने का आदेश दिया गया है।
अभी तक विश्वविद्यालयों में यूजीसी के विनियम 2009 के तहत एमफिल व पीएचडी के न्यूनतम मानदंड व प्रक्रिया का पालन किया जाता था। शासन में हुई बैठक के बाद उत्तर प्रदेश राज्य विश्वविद्यालय अधिनियम के तहत उच्च शिक्षा विभाग ने सभी राज्य विश्वविद्यालयों में पीएचडी व एमफिल के न्यूनतम मानदंड व प्रक्रिया विनियम 2016 को लागू कर दिया है। अब इसी विनियम के आधार पर महाविद्यालयों, विश्वविद्यालयों में नियुक्तियां भी होंगी।
ये हैं पांच महत्वपूर्ण मानक
पीएचडी पाठ्यक्रम में रेगुलर मोड में पंजीकरण हो।
शोध प्रबंध का मूल्यांकन कम से कम दो बाह्य परीक्षकों द्वारा हो।
शोध कार्य में से कम से कम दो शोध पत्र प्रकाशित हों, जिसमें से कम से कम एक शोध पत्र संदर्भित जर्नल में प्रकाशित किया गया हो।
पीएचडी शोध कार्य में से कम से कम दो पत्र संगोष्ठियों व सम्मेलनों में प्रस्तुत किया गया हो।
पीएचडी की उपाधि दिए जाने के लिए मौखिक साक्षात्कार भी संचालित किया गया हो
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