गोरखपुर : नया शैक्षणिक सत्र शुरु हुए चार महीने से अधिक समय बीत चुका है लेकिन अंग्रेजी माध्यम के विद्यालयों में अभी बिना किताबों के ही पढ़ाई हो रही है। जबकि हिन्दी माध्यम की किताबों का वितरण पूरा हो चुका है। चुनिंदा परिषदीय विद्यालयों को अंग्रेजी माध्यम के रूप में संचालित करने की योजना शिक्षा विभाग की प्राथमिकता में शामिल है। पर, शुरू से ही इस योजना के मार्ग में बाधाएं आती रहीं हैं। अंग्रेजी माध्यम के रूप में चयनित विद्यालयों में तैनात करने को पर्याप्त शिक्षक ही नहीं मिले। तीन बार शिक्षकों के चयन के लिए आवेदन आमंत्रित किए जा चुके हैं, लेकिन अभी तक सभी विद्यालयों के लिए शिक्षक नहीं मिल सके हैं। जैसे-तैसे उपलब्ध शिक्षकों के भरोसे अंग्रेजी माध्यम के विद्यालय संचालित तो करा दिए गए लेकिन बच्चों के लिए किताबें ही नहीं पहुंच पायीं। हर साल की अपेक्षा इस साल हिन्दी माध्यम की किताबें पहले ही आ गईं लेकिन अंग्रेजी माध्यम की किताबें समय से छापी नहीं जा सकी हैं। हिन्दी माध्यम की किताबों के साथ ही इनकी मांग भी शासन को भेजी गई थी लेकिन अभी तक आपूर्ति नहीं हो पायी है। नाम न छापने की शर्त पर एक शिक्षक ने बताया कि किताबों के बिना बच्चों को पढ़ाने में काफी दिक्कत होती है। बच्चों को फिलहाल साधारण अंग्रेजी पढ़ाई जाती है। बच्चे धीरे-धीरे सीख रहे हैं। यदि किताबें समय से उपलब्ध होतीं तो पढ़ाना और आसान होता। कम समय में पूरी किताब बच्चों को समझा पाना मुश्किल भरा होगा। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी भूपेंद्र नारायण सिंह का कहना है कि जल्द ही अंग्रेजी माध्यम की किताबें भी आ जाएंगी।
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