• एनबीटी ब्यूरो, इलाहाबाद : यूपी बोर्ड से हाईस्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षा देने वाले लाखों विद्यार्थियों के प्रमाणपत्र जल्द ही डिजिटल लॉकर में सुरक्षित रहेंगे। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद (यूपी बोर्ड) ने नैशनल अकैडमिक डिपॉजिटरी (नैड) प्रणाली में शामिल होने के लिए शासन को प्रस्ताव भेज दिया है। इस पर जल्दी मंजूरी मिलने की उम्मीद है।
बोर्ड की सचिव नीना श्रीवास्तव ने बताया कि नैड प्रणाली में शामिल होने का प्रस्ताव शासन को भेजा जा चुका है। इसे जल्द मंजूरी मिलने की संभावना है। बोर्ड के पास वर्ष 2003 से अब तक के सभी आंकड़े डिजिटल प्रारूप में मौजूद हैं। इन्हें इस डिपॉजिटरी में एक साथ अपलोड किया जा सकता है।
हर साल पास होते हैं करीब 70 लाख विद्यार्थी : दरअसल, नैड के तहत एनडीएमएल और सीवीएल को एकैडमिक डिपॉजिटरी के तौर पर चुना गया है। यूपी बोर्ड से हर साल 65-70 लाख विद्यार्थी हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षा उत्तीर्ण करते हैं। केंद्र सरकार ने सभी शैक्षणिक अंकपत्रों और प्रमाणपत्रों को नैड के माध्यम से डिजिटाइज करने का निर्णय लिया है। इसके तहत छात्रों को दी जाने वाली डिग्री, डिप्लोमा, अंक पत्रों और प्रमाण पत्रों को सीधा नैड में अपलोड कर दिया जाएगा।
कहीं से भी डाउनलोड कर सकेंगे : डिजिटल लॉकर का यह फायदा होगा कि ऑनलाइन डिपॉजिटरी को इंटरनेट के माध्यम से कनेक्ट कर विद्यार्थी अपने आधार या नैड पहचान अंक के जरिए अपनी डिग्री या डिप्लोमा को देख और डाउनलोड कर सकेंगे। इसके साथ ही नियोक्ता को इसे जांचने की अनुमति देकर सत्यापन की लंबी प्रक्रिया से बच सकेंगे। ऐसा होने पर पढ़ाई पूरी होने के बाद नौकरी के लिए इंटरव्यू देने या विदेश जाने के लिए वीजा प्राप्त करने के दौरान प्रमाण पत्रों को अपने साथ लाने का झंझट नहीं रहेगा।
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