संस्कृत संग कंप्यूटर, विज्ञान व गणित भी पढ़ाएंगे
राज्य ब्यूरो, लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि संस्कृत देववाणी है। इस रूप में यह अतुलनीय है। लिहाजा संस्कृत विद्यालयों के पाठ्यक्रम भी विशिष्ट होंगे, पर समय की मांग के अनुसार इनमें आधुनिकता का भी समावेश करें। इन स्कूलों में पौरौहित्य के पाठ्यक्रमों के साथ कंप्यूटर, विज्ञान और वैदिक गणित भी पढ़ाएं।
योगी गुरुवार को यहां उप्र माध्यमिक संस्कृत शिक्षा परिषद से संबंद्ध विद्यालयों के विद्यार्थियों के सम्मान समारोह में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि हमने जरूरत के अनुसार हर दम खुद को बदला है। जहां से जब कुछ अच्छा मिला है उसे अपनाया है। अपनी विशिष्टता को बनाए रखते हुए आगे भी हम परंपरा और आधुनिकता का समन्वय बनाए रखेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि संस्कृत में हमारे ज्ञान-विज्ञान और साहित्य का बहुत कुछ भरा है। बिना संस्कृत के जाने भारत को जानना संभव नहीं। यह हमारे स्वाभिमान की भाषा है। अंग्रेजों ने इसकी उपेक्षा भी इसीलिए हुई ताकि भारतीयों का स्वाभिमान न जगने पाए।
हाल तक यह सिलसिला जारी था। 17 साल से संस्कृत शिक्षा परिषद का गठन न होना इसका प्रमाण है। शिक्षा, स्वास्थ्य और बुनियादी सुविधाओं के प्रति जिनका यह रवैया हो उनके समाज, प्रदेश और देश की बेहतरी की उम्मीदें कपोल कल्पना हैं। अलबत्ता इनके समय में शिक्षा का सत्यानाश हुआ और मेधा का अपमान। नकल कारोबार बन गया। इसके माफियाओं का कारोबार करोड़ों में था। नकल के जरिये परीक्षा में पास होने की गारंटी मिली तो पठन-पाठन लगभग ठप हो गया। न कोई शैक्षणिक कैलेंडर था, न परीक्षाओं और नतीजों का कोई समय। साल भर में इन सारी चीजों में अभूतपूर्व सुधार हुआ है।
पहली बार नकल विहीन परीक्षाएं हुईं। शैक्षणिक कैलेंडर के हिसाब से सत्र चल रहा है। परीक्षा से लेकर नतीजों तक का समय तय है। शिक्षा के स्तर पर सुधार के लिए बड़े पैमाने पर शिक्षकों की नियुक्ति की प्रक्रिया जारी है। सभी स्कूलों के लिए सबसे बेहतरीन एवं समान पाठ्यक्रम लागू किये गये हैं। इनकी किताबें देश में सबसे सस्ते दर पर उपलब्ध करायी जा रहीं हैं। सरकार जब इतना सब कुछ कर रही है तो आपसे भी अपील है कि रोज स्कूल जाएं ,पढ़ाएं और पढ़ें। अगर शिक्षा गुणात्मक होगी तो पूरे देश में आपका सम्मान बढ़ेगा। प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता की दर बढ़ जाएगी।
इस मौके पर मुख्यमंत्री ने 40 मेधावी छात्र-छात्रओं, उनके अभिभावकों और संबंधित स्कूल के प्राचायरे को सम्मानित किया। परीक्षाओं की श्रेष्ठता सूची में 10 स्थान पाने वालों को एक लाख रुपये और टैबलेट और बाकी को 21 हजार रुपये, टैबलेट और प्रमाणपत्र दिया गया। साथ ही लड़कियों के 18 छात्रवासों, 19 राजकीय हाई स्कूलों और 16 राजकीय इंटर कालेजों का लोकार्पण भी योगी ने किया।
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