विद्यालयों के ऊपर से दौड़ रहे विद्युत तार
जागरण टीम, फतेहपुर : विद्युत विभाग की उदासीनता किसी भी दिन बड़ी घटना का कारण बन सकती है। परिषदीय स्कूलों के कैंपस को चीरती हुई हाईटेंशन और आम लाइनें बिजली विभाग ने दौड़ा रखी हैं। इन तारों के नीचे हजारों बच्चों दैनिक दिनचर्या गुजारते हैं। घटनाओं की आशंका पर विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों ने विभाग के उच्चाधिकारियों को बिजली के तार हटवाने की शिकायत भेजी है। जिले स्तर से इन तारों को हटवाए जाने की लिखा पढ़ी करके खुद का बचाव कर लिया है लेकिन बिजली विभाग ने जब तार नहीं हटाए तो आगे की कार्यवाही करने के बजाए मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया है।
जिले के 2650 प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में 174 विद्यालय ऐसे हैं जिन पर बिजली का खतरा मंडरा रहा है। तमाम विद्यालयों में तो बीचोबीच से बिजली के तार गुजरे हैं तो तमाम में यह तार विद्यालय कैंपस को आंशिक रूप से छूते हुए गुजर गए हैं। बीते सालों में तार टूटे हैं लेकिन गनीमत रही कि जानमाल का नुकसान नहीं हुआ। हादसे के बाद बेसिक शिक्षा विभाग ने ऐसे हर विद्यालय से रिपोर्ट मंगवा ली गई है। शहर से सटे प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूल सथरियांव, तो भिटौरा ब्लाक के खलीलपुर, हसनपुर, चंदेलन का पुरवा, मातिनपुर, मिर्जापुर भिटारी, संग्रामपुर, कबीरपुर, खरगपुर, मदनपुर रामपुर पिलही को बानगी के तौर पर लिया जा सकता है। इसके साथ ही शहर से लेकर जिले तक के अन्य तमाम प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों के बच्चों पर करंट का खतरा मंडरा रहा है। किसी भी दिन अगर तार टूटे तो हादसा भी हो सकता है। बीएसए शिवेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि विद्यालयों के कैंपस से गुजरी हाईटेंशन और सामान्य विद्युत आपूर्ति की लाइन का सर्वे कराया गया था। जिसके आधार पर रिपोर्ट बनाकर डीएम के माध्यम से बिजली विभाग को भेजी थी। बिजली विभाग की लापरवाही के चलते ऐसे विद्यालयों से विद्युत तार नहीं हटाए गए हैं। जल्द ही डीएम के माध्यम से विभाग को दोबारा पत्र भेजा जाएगा। यह एकदम सत्य है कि विद्यालयों के ऊपर से गुजरी विद्युत लाइनें बच्चों एवं स्टाफ के लिए खतरा बनी हुई हैं।
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