शिक्षा की कसौटी में बहानेबाजी पर ‘ब्रेक’
शिक्षा के स्तर को सुधारने में शिक्षकों की कमी नहीं बनेगी ढाल, जिले के 1903 स्कूलों में 8415 शिक्षक
नियुक्ति पत्र न मिलने पर किया हंगामा
बेसिक शिक्षा का हाल
जागरण संवाददाता, फतेहपुर : नौ एकम नौ.. नौ दुनी 18.. नौ तीया.. अ.. बस नहीं आता। अक्सर प्राथमिक स्कूलों में कक्षा पांच के बच्चों का यह हाल अधिकारियों को निरीक्षण में देखने को मिलती है। कोई प्रदेश तो कोई मुख्यमंत्री नाम तक नहीं बता पाता। शिक्षा का स्तर सही न होने पर शिक्षकों के कमी की बहानेबाजी होने लगती है। इस बहानेबाजी पर ब्रेक लगाते हुए विभाग ने परिषदीय स्कूलों में शिक्षक-शिक्षिकाओं और शिक्षामित्रों की संख्या पूरी कर दी है। अब शिक्षकों को भी शिक्षा का स्तर सुधारने के लिए विभाग की कसौटी पर खरा उतरना होगा।
जिले में 1903 परिषदीय स्कूलों में 6732 शिक्षक-शिक्षिकाएं तैनात थे। नई भर्ती में जिले को 1683 की खेप मिली है। अब 8415 शिक्षक-शिक्षिकाएं व 2391 शिक्षामित्रों के साथ कमी दूर हो गई है। कक्षा एक से पांच तक के ढाई लाख छात्रों को पढ़ाने लिए अब पर्याप्त शिक्षक हैं। मानक के अनुसार 35 छात्रों पर एक, 60 छात्रों पर दो और 90 छात्रों पर तीन के हिसाब शिक्षकों की तैनाती भी कर दी गई है।
राज्य शैक्षिक अनुसंधान परिषद ने तय किए हैं मानक : राज्य शैक्षिक अनुसंधान परिषद ने कक्षावार मानक तैयार कर रखा है। जिसमें यह तय किया गया है कि पठन-पाठन के अतिरिक्त भी बच्चे को क्या आना चाहिए। इसके लिए तैयार किया गया पत्रक विद्यालयों में पहुंचाया गया है।
उदाहरण के तौर पर कक्षा एक के विद्यार्थी को पाठ्यक्रम के अतिरिक्त अपना और माता-पिता का नाम, पता, मोहल्ला, मोबाइल नंबर आदि आना चाहिए।प्राथमिक विद्यालय में पढ़ते बच्चे’
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