सहायक अध्यापक के 317 पद रह गए खाली
शिक्षक भर्ती
2,000 सीटों के सापेक्ष आवंटित हुए थे 1710 पद, 290 के आवेदन में कमी , 27 काउंसिलिंग में आए नहीं
जागरण संवाददाता, फतेहपुर : 41,556 शिक्षकों की भर्ती के सापेक्ष जिले में सृजित की गई 2,000 रिक्त सीटों की काउंसिलिंग प्रक्रिया सोमवार को समाप्त हो गई। 2,000 रिक्त पदों के सापेक्ष जिले को 1710 सहायक अध्यापक मिले थे जिसमें अंतिम समय तक 27 चयनित सहायक अध्यापक काउंसिलिंग प्रक्रिया में प्रतिभाग नहीं किया है। कुल मिलाकर आयोजित भर्ती प्रक्रिया में सृजित पदों के सापेक्ष 317 पद रिक्त रह गए हैं।
रविवार तक राजकीय इंटर कॉलेज में चली काउंसिलिंग प्रक्रिया सोमवार को बीएसए दफ्तर में आयोजित की गई। दो दिन काउंसिलिंग प्रक्रिया में बचे 43 चयनित आवेदकों में तीसरे दिन महज 16 लोग ही उपस्थित हुए। काउंसिलिंग टीम के अध्यक्ष डायट प्राचार्य आनंदकर पांडेय सुबह पहर से बीएसए दफ्तर में जमें रहे और जमा किए गए मूल दस्तावेजों को आन लाइन मिलान पर पैनी नजर रखे हुए थे। सचिव एवं बीएसए शिवेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि तीन दिन की प्रक्रिया में 27 कंडीडेट संपर्क साधने के बाद भी नहीं पहुंचे हैं। काउंसिलिंग की रिपोर्ट देरशाम शासन को भेज दी गई है।
1200 नव नियुक्त शिक्षकों को ले जाने की तैयारी पूरी : प्राथमिक विद्यालयों के सहायक अध्यापक भर्ती में चयनित शिक्षक-शिक्षिकाओं को सीएम के हाथों नियुक्त पत्र दिलाने के लिए बेसिक शिक्षा विभाग दिनभर तैयारियों में लगा रहा। हालात यह रहे कि सूची में शामिल नव नियुक्त शिक्षक-शिक्षिकाओं को मोबाइल के जरिए संपर्क करके समय और निर्धारित पोशाक की याद दिलाई जाती रही है।
नियुक्ति पत्र बांटने को लेकर उहापोह : 5 सितंबर को बीएसए कार्यालय से नियुक्ति पत्र वितरण के आदेश दिए गए हैं। काउंसिलिंग कराने के बाद नियुक्ति पत्र पाने की टोह में सुबह पहर से लाभार्थी बीएसए कार्यालय के चक्कर काटते रहे। विभाग उन्हें संतुष्ट नहीं कर पाया है। असल मामला यह है कि 4 सितंबर को बीएसए सहित तमाम खंड शिक्षाधिकारी लखनऊ में रहेंगे ऐसी स्थिति में पांच को किस समय नियुक्ति पत्र बांटे जाएंगे यह बात तय नहीं हो पाई
विद्यालय चुनने के लिए 1710 विद्यालय होंगे उजागर ! : नय नियुक्त महिला शिक्षकों एवं दिव्यांगों को विद्यालय आवंटन प्रक्रिया के लिए 1710 विद्यालय खोले जाएंगे। जिससे कि दोनों कोटे से संबंधित चयनित अभ्यर्थी मनचाहा विद्यालय चुन सकेंगे। हलांकि अभी तक यह बात प्रशासनिक तौर पर घोषित नहीं की गई है लेकिन अंदरखाने इसकी तैयारी चल रही है। महिला और दिव्यांग जहां सूची में देखकर मनचाहा विद्यालय पाएंगे वहीं पुरुषों के स्कूल आवंटन में रोस्टर प्रक्रिया जानने के लिए लोग दिनभर माथा खपाते रहे। 1छह हजार में नहीं मिली सीटें : कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद शामिल किए गए छह हजार आवेदकों में यह माना जा रहा रहा था कि कुछ सीटें जिले को आवंटित हो सकती हैं। मध्यरात्रि में जब आवंटन की सूची जिलेवार जारी हुई। पड़ताल में पता चला कि जिले को इसमें हिस्सेदारी नहीं दी गई है तो विभाग ने राहत की सांस ली है।बीएसए आफिस में काउंसलिंग कराते अभ्यर्थी
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