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Saturday, September 1, 2018

फतेहपुर : स्कूलों को संवारा, नौनिहालों को निखारा, 40 फीसदी बच्चों की उपस्थिति वाले स्कूल में अब सौ फीसदी रहती उपस्थिति

संवारा, नौनिहालों को निखारा

हरियाली से भर दिया विद्यालय : चार वर्ष पूर्व जब उन्होंने विद्यालय में कार्यभार ग्रहण किया तो विद्यालय वीरान सा दिखता था, हरियाली के नाम पर कुछ नहीं था। ऐसे में शिक्षक विद्यालय में सघन पौधरोपण के साथ विद्यालय का रंग रोगन करवाया।

उत्कृष्ट कार्यों हेतु मिला सम्मान : शैक्षणिक क्रियाकलापों की वजह से इन्हें कई बार आदर्श शिक्षक के खिताब से भी नवाजा जा चुका है। डीएम कंचन वर्मा, कुमार प्रशांत के अलावा डायट प्राचार्य रहे राजेंद्र प्रसाद, बीएसए विनय कुमार के अन्य अधिकारियों ने प्रशस्ति पत्र देकर उनकी सेवाओं को सराहा है।

कठपुतली से खेल-खेल में देते शिक्षा : खेलकूद सहित अन्य गतिविधियां प्रतिदिन विद्यालय में करवाते हैं। इसके अलावा कठपुतली के माध्यम से भी बच्चों को रूचिपूर्ण शिक्षा देते हैं। साथ ही बैडमिंटन, फुटबाल, क्रिकेट सहित अन्य खेल प्रतिदिन करवाते हैं।
चालीस फीसद उपस्थिति वाले इस विद्यालय में अब रहते हैं शत- प्रतिशत छात्र

जागरण संवाददाता, फतेहपुर: एक नई सोच के साथ शैक्षणिक कार्य में पूरी कर्तव्यनिष्ठा से अपने दायित्वों का निर्वहन कर रहे शिक्षक धर्मेंद्र कुमार उत्तम अन्य शिक्षकों के लिए मिसाल बन गए हैं। विद्यालयीय परिवेश बेहतर करने के साथ पठन-पाठन में उत्तरोत्तर सुधार किया। विद्यालय में ही कक्षा पांच के छात्रों को नवोदय व आश्रम पद्धति विद्यालय में दाखिले के लिए अलग से तैयारी करवाई, जिसका प्रतिफल रहा कि अब तक करीब आधा सैकड़ा बच्चे इन विद्यालयों में प्रवेश पा सके हैं। तेलियानी विकास खंड क्षेत्र के जगतपुर गांडा प्राथमिक विद्यालय के शिक्षक ने जहां विद्यालय का भौतिक परिवेश बेहतर करने में अपनी भूमिका का निर्वहन पूरी ईमानदारी से किया। उन्होंने जब विद्यालय का कार्यभार संभाला तो विद्यालय में पठन पाठन की व्यवस्था बेहद जीर्ण शीर्ण थी और विद्यालय में नामांकित बच्चों की संख्या मात्र अस्सी थी जिसमें से मात्र चालीस फीसद ही उपस्थिति रहती थी।

उन्होंने अभिभावकों से संपर्क कर अपने बच्चों को स्कूल भेजने के लिए प्रेरित किया, जिसका परिणाम रहा कि दो वर्ष बाद इस विद्यालय की छात्र संख्या दो सैकड़ा के करीब पहुंच गई, जिसमें से प्रतिदिन शत प्रतिशत बच्चों की उपस्थिति रहती है। वे नियमित पठन पाठन के साथ स्कूल समय के बाद अंग्रेजी स्पीकिंग का कोर्स चलाते हैं।

प्रतिमाह बच्चों के कटवाते बाल : ग्रामीण अभिभावक अपने पाल्यों के प्रति बेहद लापरवाह थे, ऐसे में शिक्षक प्रतिमाह स्कूल में ही नाई को बुलाकर प्रत्येक बच्चे के बाल कटवाते हैं और स्वास्थ्य के प्रति सचेत करने के लिए समय-समय पर स्वास्थ्य शिविर भी लगवाते हैं।

कठपुतली के जरिये बच्चों को पढ़ाते प्राथमिक विद्यालय जगतपुर गांडा के प्रधानाध्यापक धर्म्ेद्र कुमार उत्तम ’ जागरण

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