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Saturday, September 1, 2018

यूपी बोर्ड : प्राइवेट नहीं अब सीधे पत्राचार से कर सकेंगे हाईस्कूल और इंटरमीडिएट

इलाहाबाद : माध्यमिक शिक्षा परिषद, उत्तर प्रदेश (यूपी बोर्ड) के विद्यालयों में हाईस्कूल एवं इंटरमीडिएट कक्षाओं में कोई भी अभ्यर्थी अब सीधे प्राइवेट फार्म नहीं भर सकेगा। केवल बोर्ड परीक्षाओं के ऐसे परीक्षार्थी जो अनुत्तीर्ण हुए हैं वही प्राइवेट फार्म भर पाएंगे। नवीन अभ्यर्थी राज्य पत्रचार शिक्षण संस्थान द्वारा ही नौवीं-10वीं एवं 11वीं-12वीं में पंजीकरण करा सकेंगे। प्राइवेट विद्यालय प्रतिवर्ष 20 हजार से अधिक शुल्क नहीं ले सकेंगे। शुक्रवार को दैनिक जागरण प्रश्न पहर कार्यक्रम में जिला विद्यालय निरीक्षक आरएन विश्वकर्मा ने यूपी बोर्ड के विद्यालयों एवं परीक्षा नीति से संबंधित पाठकों की ओर से पूछे गए प्रश्नों के जवाब दिए। यूपी बोर्ड के विद्यालयों में पंजीकरण शुल्क परीक्षा, केंद्र निर्धारण, नकल विहीन परीक्षा, स्कॉलरशिप एवं अनियमितताओं पर पूछे गए प्रश्न व उनके जवाब। 


आरएन विश्वकर्मा ,जिला विद्यालय निरीक्षक।


यूपी बोर्ड: प्राइवेट नहीं अब सीधे पत्रचार से कर सकेंगे हाईस्कूल और इंटरमीडिएट



प्रश्न : विद्यालयों में हाईस्कूल में ज्यादा पंजीकरण शुल्क ले रहे हैं, वास्तविक फीस कितनी है। रामकृपाल, झूंसी। 



उत्तर : राजकीय एवं वित्तीय सहायता प्राप्त विद्यालयों में पंजीकरण शुल्क 50 रुपये मात्र हैं। वार्षिक शुल्क 417 रुपये निर्धारित है। निजी विद्यालय भी शुल्क नियामक अधिनियम के अंतर्गत निर्धारित शुल्क से अधिक नहीं ले सकते। यदि कोई विद्यालय अधिक शुल्क वसूलता है तो मुझसे शिकायत करें। कार्रवाई की जाएगी। 


प्रश्न : पिछले कई वर्षो से जो विद्यालय परीक्षा केंद्र बनाए जाते थे गत वर्ष नहीं बनाए गए। इसका क्या कारण है। 1सत्येंद्र कुमार मांडा 


उत्तर : अब हाईस्कूल एवं इंटरमीडिएट के परीक्षा केंद्रों का निर्धारण स्थानीय स्तर पर न होकर यूपी बोर्ड की ओर से कम्प्यूटराइज्ड होने लगा है। 2016 तक जिले में पांच सौ केंद्र बनाए जाते थे, लेकिन गत वर्ष मात्र 323 परीक्षा केंद्र बनाए गए थे। जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय से विद्यालयों का महज भौतिक सत्यापन होता है। 



प्रश्न : जो अध्यापक विद्यालयों में अनुपस्थित रहते हैं, प्रबंधन-प्रधानाचार्य की मिलीभगत से उनपर कार्रवाई नहीं हो पा रही है। 1अतुल सिंह, प्रतापपुर। 


उत्तर : अध्यापकों की उपस्थिति को पूर्णत: बॉयोमीटिक से जोड़ दिया गया है। जिस विद्यालय के खिलाफ इस प्रकार के मामले हो, अध्यापकों का नाम लिखकर जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय में पहुंचाएं। जांच कराकर कार्रवाई की जाएगी। 



प्रश्न : हाईस्कूल एवं इंटरमीडिएट नियमित कक्षाओं का परीक्षा शुल्क कितना है। 1रवि तिवारी, राजापुर। 


उत्तर : हाईस्कूल-इंटरमीडिएट में शासन द्वारा निर्धारित परीक्षा शुल्क शासन ही लिया जा रहा है। हाईस्कूल की फीस 200 रुपये 75 पैसे है। इंटरमीडिएट का शुल्क 592 रुपये 75 पैसे हैं। इसमें 75 पैसा अंक पत्र शुल्क है। 


प्रश्न : कोई भी निजी विद्यालय अधिकतम कितना वार्षिक शुल्क ले सकता है। 1नीरेन उपाध्याय, बैरहना 


उत्तर : निजी विद्यालय वार्षिक 20 हजार से अधिक वार्षिक शुल्क नहीं ले सकते हैं। शासन की ओर से अधिकतम सीमा से अधिक शुल्क वसूलने पर प्रबंधन के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। अधिक शुल्क वसूलने की शिकायत डीआइओएस कार्यालय में की जा सकती है। 


प्रश्न : यूपी बोर्ड के विद्यालयों में इस वर्ष नकलविहीन परीक्षा के लिए क्या रणनीति होगी। 1कमलेश नाथ त्रिपाठी, कौंधियारा। 


प्रश्न : शासन की ओर से विद्यालयों में नकलविहीन परीक्षा के लिए सीसीटीवी लगाने का निर्देश दिया जा चुका है। इस बार वाइस रिकार्डर भी लगवाया जाएगा। जिससे बोलकर नकल कराने की शिकायत पर भी विराम लग सके। 


प्रश्न : हाईस्कूल एवं इंटरमीडिएट की बोर्ड परीक्षा में एनसीइआरटी पैर्टन लागू होगा। 1नवीन खरे, कटरा। 


उत्तर : बोर्ड की परीक्षाओं में एनसीइआरटी पैटर्न का पूरी तरह पालन किया जाएगा। निर्धारित पाठ्यक्रम के अनुसार शिक्षण कार्य कराया जा रहा है। छात्रों को इसी के अनुसार तैयारी करनी चाहिए। 


 प्रश्न : अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति किस प्रकार से भरी जा सकती है। 1फरोग अहमद, करेली 


उत्तर : केंद्र सरकार की ओर से प्री-मैटिक एवं पोस्ट मैटिक छात्रवृत्ति के लिए ऑनलाइन आवेदन चल रहे हैं। कक्षा एक से पांच तक एक हजार, छह से दस तक पांच हजार और 11वीं-12वीं के लिए नौ हजार रुपये प्रतिवर्ष छात्रवृत्ति प्रदान की जाएगी। आय प्रमाणपत्र के साथ वेबसाइट के माध्यम से आवेदन करें, हार्ड कॉपी विद्यालयों में जमा करें। 


प्रश्न : क्या प्रबंधक को शिक्षण अवधि में विद्यालय में आने का अधिकार है। पीके पांडेय, सैदाबाद। 


उत्तर : प्रबंधक को शिक्षण अवधि में विद्यालय में आने का पूरा अधिकार है। शिक्षक एवं शिक्षण संबंधी कोई भी समस्या वह प्रधानाचार्य से डिस्कस कर सकते हैं। विद्यालय का प्रबंधन में उसका पूरा हस्तक्षेप रहेगा। 


प्रश्न : छात्रों की समस्याओं को देखते हुए क्या किसी विद्यालय के समय में परिवर्तन किया जा सकता है।1 राम प्रकाश, झूंसी


उत्तर : छात्रों के हित में विद्यालय के समय में परिवर्तन किया जा सकता है। सुबह सात बजे का विद्यालय आठ बजे से शुरू हो सकता है। समय परिवर्तन के लिए डीआइओएस कार्यालय में प्रार्थनापत्र देना होगा। 


प्रश्न : मैं प्राथमिक विद्यालय में शिक्षक हूं, वर्ष 2012 में बोर्ड परीक्षा में ड्यूटी की थी, अभी तक मानदेय नहीं मिला। डा. प्रेमशंकर मिश्र, मांडा। 


उत्तर : जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय से वर्ष 2017 तक बोर्ड ड्यूटी का मानदेय दिया जा चुका है। 


प्रश्न : नगर पंचायत सिरसा का प्राथमिक विद्यालय का भवन काफी जर्जर हो गया है। मरम्मत के लिए क्या किया जा सकता है। 1पवन यादव, सिरसा। 


उत्तर : विद्यालय के भवन से छात्रों को खतरा है तो इसे खंड शिक्षा अधिकारी के संज्ञान में लाया जाना चाहिए। मामला बीएसए के संज्ञान में लाया जाएगा। 


प्रश्न : क्या हाईस्कूल एवं इंटरमीडिएट में सीधे प्राइवेट पंजीकरण में दिक्कत है। सत्येंद्र कुमार, मांडा


उत्तर : जी हां, अब सीधे 9वीं-दसवीं एवं 11वीं व 12वीं कक्षा में दाखिले पत्रचार के माध्यम से होंगे। प्राइवेट केवल वही छात्र-छात्रएं पंजीकृत हो सकते हैं, जो हाईस्कूल एवं इंटरमीडिएट की यूपी बोर्ड की परीक्षा में फेल हो गए हों। अब सीधे प्राइवेट पंजीकरण की व्यवस्था समाप्त कर दी गई है।



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