पड़ताल
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शिक्षक नियुक्त हैं इन स्कूलों में
17 जूनियर स्कूलों में है सिर्फ एक शिक्षक
72 प्राइमरी स्कूल भी सिर्फ एक शिक्षक के भरोसे
396 शिक्षकों की जरूरत है नगर क्षेत्र में
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प्राइमरी स्कूल हैं नगर क्षेत्र में
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शिक्षक नियुक्त हैं इन स्कूलों में
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जूनियर हाईस्कूल हैं नगर क्षेत्र में
शिक्षकों की काफी कमी है। भर्ती के लिए शासन स्तर पर विचार किया जा रहा है। हम बैठक में भी यह मुद्दा उठाते हैं।-डॉ. अमर कांत सिंह, बीएसए, लखनऊ
दो दशक से नगर क्षेत्र में शिक्षकों की नियुक्ति नहीं हुई है। सरकार को चाहिए कि आरटीई के मानक के अनुसार शिक्षकों की तत्काल भर्ती करे। - विनय कुमार सिंह, प्रांतीय अध्यक्ष, उप्र प्राथमिक शिक्षक प्रशिक्षित स्नातक असोसिएशन
प्राइमरी स्कूल गाजीपुर बलराम में शिक्षा मित्र सुमन पर 127 बच्चों को पढ़ाने की जिम्मेदारी है। वह मंगलवार सुबह स्कूल में नहीं थीं। यहां 71 बच्चों को पढ़ाने के लिए जूनियर हाईस्कूल गाजीपुर बलराम की अनुदेशिका पल्लवी मौजूद थीं। उन्होंने बताया कि सुमन बीएलओ ड्यूटी पर हैं। एक साथ कक्षा पांच तक के बच्चों को पढ़ाना बहुत मुश्किल होता है। जूनियर हाईस्कूल गाजीपुर बलराम में शिक्षिका मंजू श्री नहीं मिलीं। अनुदेशक सुमित कुमार पाल ने बताया कि मैडम बीएलओ ड्यूटी पर गई हैं। यहां कक्षा सात में बच्चे बैठे थे। उन्हें पढ़ाने के लिए कोई नहीं था। सुमित ने बताया कि कक्षा आठ पढ़ाओ तो कक्षा छह के बच्चों को इंतजार करना पड़ता है। दिक्कत तो है ही।
जूनियर हाईस्कूल अलीनगर सुनहरा, जूनियर भमरौली शाहपुर, जूनियर स्कूल भूहर, जूनियर स्कूल हड़यन खेड़ा, जूनियर स्कूल कन्या कर्मोत्तर तेलीबाग, जूनियर स्कूल नीलमथा, जूनियर स्कूल पं.खेड़ा, प्राइमरी स्कूल मवैया, प्रा स्कूल अमौसी। प्राइमरी स्कूल मक्का खेड़ा, प्राइमरी स्कूल गंगादीन खेड़ा।
प्राइमरी स्कूल गाजीपुर बलराम में एक साथ कई क्लास चल रही है।
अकेले टीचर के भरोसे चल रहे शहर के 89 परिषदीय स्कूल• अखिल सक्सेना, लखनऊ
127 बच्चों के लिए एक छोटा कमरा। पढ़ाने के लिए भी सिर्फ एक अनुदेशिका। पहले कक्षा पांच को पढ़ाएं या कक्षा तीन और दो को या सबको साथ पढ़ाएं। मैडम जी इस कशमकश में थीं कि बच्चे शोर मचाने लगे। ऐसे में वह पढ़ाने से पहले बच्चों को चुप करवाने में लग गईं।
मंगलवार को यह माहौल दिखा, फैजुल्लागंज स्थित प्राइमरी स्कूल गाजीपुर बलराम में, लेकिन यह परेशानी नगर क्षेत्र के कुल 89 परिषदीय विद्यालयों में है। किसी स्कूल में अकेला शिक्षक है तो कहीं अकेले शिक्षा मित्र या बीटीसी अभ्यर्थी। इन्हें बच्चों को चुप रखने के लिए मजबूरी में एक साथ कई क्लास लेनी पड़ रही हैं।
राजधानी के नगर क्षेत्र में कुल 252 प्राइमरी और जूनियर स्कूल हैं। इनमें करीब 24 हजार बच्चे पंजीकृत हैं। आरटीई के मुताबिक, हर प्राइमरी स्कूल में 30 बच्चों पर एक और जूनियर हाईस्कूल में 35 बच्चों पर एक शिक्षक होना चाहिए, लेकिन 20 स्कूलों में तो एक भी शिक्षक नहीं हैं। यहां जुगाड़ से पढ़ाई चल रही है। इसी तरह 17 जूनियर स्कूल और 72 प्राइमरी स्कूल एक-एक शिक्षक, अनुदेशकों या शिक्षामित्र के भरोसे चल रहे हैं।
20 साल से नहीं
हुई नियुक्ति
नगर क्षेत्र में इस समय प्राइमरी में सिर्फ 308 और जूनियर हाईस्कूलों में 86 शिक्षक तैनात हैं। विभाग के जानकारों के मुताबिक, नगर क्षेत्र के स्कूलों में 20 साल से ज्यादा समय से किसी शिक्षक की नियुक्ति नहीं हुई है। उस वक्त जो तैनात थे, उनमें भी कई रिटायर हो
चुके हैं।
बीएलओ ड्यूटी भी बड़ी परेशानी
यहां एक भी शिक्षक नहीं
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