वरिष्ठ से अधिक कनिष्ठ शिक्षकों का मूल वेतन , सांसत में महकमा , वित्त एवं लेखाधिकारी देवरिया ने वित्त नियंत्रक को लिखा पत्र : वेतन विसंगतियों से अवगत कराते हुए मांगा मार्गदर्शन
वरिष्ठ से अधिक कनिष्ठ शिक्षकों का मूल वेतन, सांसत में महकमा
शिकायत
जासां, देवरिया: बेसिक शिक्षा विभाग में शिक्षकों के वेतन विसंगतियों से अफसर सांसत में हैं। कनिष्ठ शिक्षकों का मूल वेतन वरिष्ठ शिक्षकों से अधिक निर्धारित हो रहा है। यही नहीं, चयन वेतनमान स्वीकृत होने पर वार्षिक वेतन वृद्धि का लाभ छह माह के भीतर दिए जाने को लेकर भी ऊहापोह है। इस संबंध में वित्त एवं लेखाधिकारी बेसिक शिक्षा जगदीश श्रीवास्तव ने बेसिक शिक्षा परिषद इलाहाबाद के वित्त नियंत्रक को पत्र लिखा है। उन्होंने कहा है कि 21 अगस्त को जारी शासनादेश के अनुसार जनपद में कार्यरत बेसिक शिक्षा विभाग के परिषदीय शिक्षकों के वेतन निर्धारण किया जा रहा है। एक जनवरी 2016 से लागू पुनरीक्षण वेतन मैट्रिक्स में चयन/पदोन्नति वेतनमान स्वीकृत होने पर मैट्रिक्स लेवल में ठीक अगली कोष्ठिका का उपलब्ध कराए जाने पर वरिष्ठ का वेतन कनिष्ठ शिक्षक से कम हो रहा है। उन्होंने उदाहरण दिया कि रशीद अहमद वरिष्ठ शिक्षक हैं। उनकी नियुक्ति नौ दिसंबर 1994 को हुई। जबकि कनिष्ठ शिक्षक तारिक अहमद की नियुक्ति 16 सितंबर 1995 को हुई। एक जनवरी 2016 से पुनरीक्षित वेतन संरचना से विसंगति उत्पन्न हो गई है। एक जुलाई को वरिष्ठ शिक्षक रशीद का मूल वेतन कनिष्ठ शिक्षक तारिक अहमद से दो हजार रुपये कम निर्धारित हो रहा है। इसको लेकर शिक्षक नेताओं ने आपत्ति जताई है। वहीं शिक्षक संगठनों ने 21 अगस्त को जारी शासनादेश का हवाला देकर कहा है कि एक अप्रैल को चयन वेतनक्रम स्वीकृत होने पर अगली कोष्टिका का लाभ देते हुए वेतन वृद्धि की तिथि एक जुलाई निर्धारित की जाए। वित्त एवं लेखाधिकारी ने चयन वेतनक्रम स्वीकृत होने पर उस ग्रेड लेवल में छह माह की सेवा नहीं होने पर इसका लाभ रोक दिया है। कर दिया लाखों का भुगतान: माध्यमिक विद्यालयों में तैनात करीब डेढ़ दर्जन शिक्षकों को नियम ताक पर रखकर चयन वेतनमान स्वीकृत होने के छह माह के भीतर वार्षिक वेतनवृद्धि का लाभ दिए जाने का मामला प्रकाश में आया है। इस मामले में वित्त एवं लेखाधिकारी माध्यमिक शिक्षा की तरफ से संबंधित शिक्षकों को नोटिस जारी कर कटौती किए जाने की तैयारी चल रही है। विभागीय लोगों का कहना है कि नियम विरुद्ध तरीके से किए गए भुगतान की यदि जांच करा दी जाए तो जिम्मेदारों की गर्दन फंस सकती है। इस संबंध में वित्त एवं लेखाधिकारी माध्यमिक शिक्षा जगदीश श्रीवास्तव ने बताया कि जिन शिक्षकों को इसका लाभ दिया गया है। उनके वेतन से कटौती की जाएगी। इसके लिए नोटिस दिया जा रहा है। वित्त एवं लेखाधिकारी ने वित्त नियंत्रक बेसिक शिक्षा परिषद को लिखा पत्र वेतन विसंगतियों से अवगत कराते हुए मांगा मार्गदर्शन
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