स्कूल में पानी पीना है तो पहले भरकर लाओ
जागरण संवाददाता, फतेहपुर : शुद्ध पेयजल के लिए स्कूलों में आरओ लगाने की बात करने वाले जिम्मेदारों को जिले के स्कूलों में पेयजल समस्या नजर ही नहीं आ रही है। 400 स्कूलों के हैंडपंप खराब हैं। पानी की कोई व्यवस्था नहीं है। पढ़ाई करने वाले बच्चों को दूर से पानी भरकर लाना पड़ रहा है लेकिन समस्या से निजात के कोई इंतजाम नहीं किए जा रहे हैं।
जिले के विभिन्न ब्लॉकों में स्थित परिषदीय स्कूलों में पिछले काफी समय से हैंडपंप खराब पड़े हैं। बात अगर बहुआ ब्लाक की करें तो यहां प्राथमिक स्कूल में सरकारी हैंडपंप खराब होने से बच्चों को पेयजल समस्या से जूझना पड़ रहा है। इसी तरह प्राथमिक स्कूल जहानाबाद में पिछले डेढ़ साल से हैंडपंप खराब है। हालांकि यहां पानी की टंकी है जो पिछले काफी समय से साफ नहीं हुई। इसी तरह प्राथमिक विद्यालय चौडगरा हरसिंहपुर में भी बच्चे गंदा पानी पीने को मजबूर हैं।
अमौली ब्लाक में 12 विद्यालयों में हैंडपंप रीबोर का इंतजार कर रहे हैं, वहीं दपसौरा द्वितीय, नरैचा द्वितीय, गौरी औरा, जूड़ाखेड़ा, कौंह, पाराधनई 6 विद्यालय हैंडपंप विहीन हैं। प्राथमिक विद्यालय अलियापुर में पेयजल व्यवस्था बाधित होने के चलते 200 मीटर दूर से पानी की व्यवस्था की जाती है। कमोवेश ऐसी स्थिति जिले के तमाम विद्यालयों की है। जहां पर पेयजल व्यवस्था धड़ाम व्यवस्था बनी हुई है।
71 में 58 ही लग पाए हैंडपंप : परिषदीय स्कूलों में पेयजल की व्यवस्था कराने के लिए बेसिक शिक्षा विभाग ने जल निगम को 71 हैंडपंपों के लिए प्रति हैंडपंप 72500 रुपये भेजे थे। इनमें से 58 हैंडपंप ही लग पए हैं। बीएसए के मुताबिक इनमें भी कई हैंडपंपों से गंगा पानी आने की शिकायत मिल रही है। इनकी सूची बनाकर जलनिगम को भेजी गई है।
दूर से पानी लाते हैं बच्चे1विद्यालयों में पेयजल व्यवस्था न होने पर बच्चों को दूर से पानी भरकर लाना पड़ता है। शिक्षक भी पढ़ने वाले बच्चों से ही पानी भरवाते हैं।प्राथमिक विद्यालय अलियापुर में दूर गांव से बाल्टी में पानी लेकर आता छात्र ’ जागरण
>>जिले के 400 सौ स्कूलों में पानी के इंतजाम ही नहीं
>>दूर से पानी लाने को मजबूर हैं पढ़ने वाले बच्चे
>>आरओ लगाने की बात करने वालों को नजर नहीं आ रही समस्याउच्च प्राथमिक विद्यालय बकियापुर का खराब हैंडपंप
जागरणखराब हैंडपंप एक नजर में 1233 प्राथमिक स्कूलों के हैंडपंप खराब पड़े हैं। 1111 उच्च प्राथमिक स्कूलों में हैंडपंप सूखे हैं।परिषदीय विद्यालयों में पेयजल व्यवस्था दुरुस्त करने के प्रयास किए जाते हैं। हैंडपंपों की मरम्मत और रीबोर का काम ग्रामसभा और जल निगम करता है। खराब हैंडपंपों की सूची बनाकर डीएम के माध्यम से डीपीआरओ को भेजी जाती है। जहां पेयजल की व्यवस्था नहीं है उसे दुरुस्त करने के प्रयास चल रहे हैं।
-शिवेंद्र प्रताप सिंह, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी
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