पढ़ने के साथ अब पढ़ाने का जिम्मा
जागरण संवाददाता, फतेहपुर : बंद हो चुकी साक्षरता योजना को अब दूसरे तरीके से क्रियान्वित किया जाएगा। इसके लिए शासन ने नई नवेली योजना लागू कर दी है। बेसिक शिक्षा के सरकारी और मान्यता प्राप्त स्कूलों में पंजीकृत छात्र-छात्रओं को पढ़ने के साथ पढ़ाने का जिम्मा दिया गया है।
देश में बचे निरक्षरता के कलंक के दाग को मिटाने के लिए अब परिषदीय विद्यालयों में पढ़ने वाले खेवनहार बनेंगे। निदेशक बेसिक शिक्षा सर्वेंदु विक्रम सिंह ने आदेश जारी किया है जिसमें कहा गया है कि छात्र-छात्रएं शिक्षक की भूमिका में दिखेंगे। इन बच्चों को नई जिम्मेदारी के तहत माता-पिता एवं आस पड़ोस के किसी व्यक्ति को साक्षर बनाना है। निरक्षर व्यक्ति को साक्षर बनाने के क्रम में यह सूचना प्रधानाध्यापक को देनी होगी। इसके बाद साक्षर बनाने के प्रयास में मिली सफलता का पूरा लेखा जोखा प्रधानाध्यापक के पास जमा करना होगा। प्रधानाध्यापक इस नव साक्षर की जांच करेंगे और अपनी रिपोर्ट तैयार करेंगे। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी शिवेंद्र प्रताप सिंह कहते हैं कि नए आदेश के क्रियान्वयन के लिए सभी खंड शिक्षाधिकारियों को आदेश दिया गया है। आदेश के अनुपालन में रोचक तरीके से क्रियान्वयन कराकर साक्षरता की दर को बढ़ाया जाएगा।
मां समूह की निरक्षर को पढ़ाएंगे गुरुजी : मां समूह में यूं तो साक्षर महिलाओं को सदस्य बनाने के लिए आदेश जारी किया गया है। इस आदेश के अनुपालन में अगर मानकों को पूरा करने में निरक्षर महिला को सदस्य बनाए जाने पर उस महिला को साक्षर बनाने का जिम्मा प्रधानाध्यापक के सिर रखा गया है। तीन माह के अंदर इस महिला सदस्य को निरक्षरता के कलंक से उबारेंगे।
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