अंग्रेजी माध्यम का मुखौटा, हंिदूी की पढ़ाई
जागरण संवाददाता, फतेहपुर :प्राइवेट स्कूलों के साथ कदम मिलाने के लिए परिषदीय स्कूलों को अंग्रेजी माध्यम से संचालित करने का निर्णय तो ले लिया गया लेकिन अंग्रेजी किताबों की खेप न पहुंचने से शासन की मंशा ढाक के तीन पात सरीखी हो गई है। किताबों के अभाव में अंग्रेजी माध्यम के लिए चयनित हुए 65 विद्यालयों में मजबूरन हंिदूी में पढ़ाई कराई जा रही है।
वहीं किताबें न आने से चयनित हुए स्कूलों में जिम्मेदार शिक्षक अंग्रेजी में सामान्य ज्ञान पढ़ाकर काम चला रहे हैं। शिक्षकों का कहना है कि स्कूलों में अब तक न तो किताबें मिली हैं और न हि सेलेबस का पता है। इससे आगे छात्रों को अध्धयन में दिक्कत आएगी। 1एक किताब से करा रहे पढ़ाई
जागरण की पड़ताल में उजागर हुआ है कि कई स्कूलों में शिक्षकों तक केवल एक किताब पहुंची है। जिम्मेदारों के पास एक किताब के सहारे पढ़ाई कराई जा रही है। हालांकि किताबें कहां से आई, इसपर जिम्मेदार चुप हैं
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