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Tuesday, October 23, 2018

अफसरों ने दी मूक सहमति तो आंदोलन को कर्मचारी और मुखर, कर्मचारी शिक्षक अधिकारी पुरानी पेंशन बहाली मंच 25 अक्टूबर से कार्यालयों में करेगा तालाबंदी

पुरानी पेंशन बहाली के आंदोलन में अधिकारी संवर्ग भी एक तरह से शामिल हो गया है। उनकी मूक सहमति के कारण शासन की सख्त हिदायत भी कर्मचारियों पर असर नहीं डाल पा रही है। जिसके चलते कर्मचारी शिक्षक अधिकारी पुरानी पेंशन बहाली मंच के बैनर तले मंच से जुड़े जिले भर के करीब 180 विभागों के डेढ़ लाख से अधिक कर्मचारी महाहड़ताल करेंगे। जिसके तहत 25 अक्टूबर से तीन दिन तक कार्यालयों में तालाबंदी रहेगी और कामकाज ठप रहेगा। 


वीडियो कांफ्रेंस से आयुक्तों को निर्देश: शासन ने वीडियो कांफ्रेंस करके सभी जिलाधिकारी व मंडलायुक्त को महाहड़ताल के दौरान काम नहीं तो दाम नहीं नीति के तहत कर्मचारियों को चेतावनी जारी करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही हड़ताल से निपटने के लिए अफसरों को विकल्प तलाशने को भी कहा गया है। वहीं, महाहड़ताल को सफल बनाने के लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया जा रहा है। आंदोलन के अंतिम दिन महाहड़ताल को अनिश्चितकालीन घोषित करने की भी रणनीति बनाई जा रही है। 


सभी चाहते हैं पुरानी पेंशन : मंच के मंडल अध्यक्ष डॉ. विनोद शर्मा ने बताया, 25-26 को तहसील मुख्यालय पर आंदोलन करेंगे। 27 को जिला मुख्यालय पर हुंकार भरी जाएगी। बेसिक शिक्षा विभाग ने 26 से सरकारी स्कूलों में अर्ध वार्षिक परीक्षाएं शुरू कराने की तैयारी की है। शिक्षकों ने स्कूल खोलने से मना कर दिया है। ऐसे में शिक्षकों के काम का दूसरा कोई विकल्प अफसरों के पास नहीं है। पुरानी पेंशन अधिकारी भी पाना चाहते है। इसलिए पुलिस-प्रशासन भी अंदर खाने सपोर्ट में है। मंच के जिलाध्यक्ष मुकेश चौहान ने बताया, विभागीय कामकाज को निपटाने के लिए इतनी बड़ी तादात में वैकल्पिक भर्ती करना भी किसी चुनौती से कम नहीं है

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