इलाहाबाद : यूपी बोर्ड हाईस्कूल व इंटरमीडिएट परीक्षा 2019 में केंद्र निर्धारण का रिकॉर्ड बनाने की तैयारी में है। परीक्षा केंद्रों की संख्या इस बार आठ हजार के ही इर्द-गिर्द रहने के आसार हैं। पिछले वर्ष को छोड़कर परीक्षा केंद्रों की संख्या 10 हजार से अधिक होती रही है, कमी होने का कारण प्रदेश के राजकीय व अशासकीय कालेजों को केंद्र बनाने में वरीयता देना रहा है।
माध्यमिक शिक्षा परिषद यानि यूपी बोर्ड में परीक्षा केंद्र निर्धारण की प्रक्रिया योगी सरकार में ही बदली है। इसके पहले तक जिलाधिकारी की अध्यक्षता वाली समिति केंद्रों का निर्धारण करती रही है। नकल माफिया केंद्र निर्धारण में दखल करके मनचाहे स्कूलों को केंद्र बनवा लेते थे, जिससे इम्तिहान के समय नकल रोकने में कालेज व जिला प्रशासन को मुश्किल होती थी। पिछले वर्ष इसमें बदलाव करके बोर्ड मुख्यालय पर केंद्र निर्धारण शुरू कराया गया। पहली बार कंप्यूटर के जरिए केंद्र निर्धारण हुए, पहली सूची देखकर हंगामा मचा, क्योंकि तमाम जिलों ने कालेजों का संसाधन मुहैया कराने में मनमानी की थी, हालांकि बाद में उसे दुरुस्त किया गया। पिछली बार ही करीब तीन हजार केंद्र कम किए गए थे।
संसाधन बेहतर तभी बनेगा केंद्र : शासन की केंद्र निर्धारण नीति में कालेजों में उपलब्ध संसाधनों को वरीयता दी जा रही है। इसके जरिये कालेजों में संसाधन भी बेहतर हो रहे हैं और उन्हीं के जरिए नकल विहीन परीक्षा कराने में मदद मिल रही है। कालेज के हर संसाधन के लिए अंक तय किए गए हैं, सीसीटीवी और इस बार वायस रिकॉर्डर आदि को वरीयता दी जा रही है। इसके अलावा बायोमीटिक हाजिरी आदि को भी महत्व मिला है और कालेज में कितने कक्ष हैं, उनकी लंबाई चौड़ाई क्या है आदि का भी जिक्र करना अनिवार्य है।
इसी माह शुरू होगी प्रक्रिया : यूपी बोर्ड सचिव नीना श्रीवास्तव ने बताया कि वेबसाइट पर सभी कालेजों से सूचनाएं ली जा चुकी हैं, उनका निस्तारण जिला विद्यालय निरीक्षकों से कराया गया है। इन दिनों यह प्रक्रिया अंतिम चरण में चल रही हैं। इसी माह केंद्र बनाने की प्रक्रिया शुरू होगी, इसमें पारदर्शी तरीके से केंद्र निर्धारित होंगे।जेडी के यहां भी कर सकते हैं शिकायत
केंद्र निर्धारण में पहले जिला विद्यालय निरीक्षक से ही शिकायत करने का प्रावधान रहा है लेकिन, शासन को यह शिकायतें मिलीं कि इसमें डीआइओएस मनमानी करते हैं। ऐसे में मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक को शामिल किया गया है कि यदि कोई कालेज संसाधन में बेहतर है और उसे केंद्र नहीं बनाया जा रहा है तो कालेज संचालक वहां भी शिकायत कर सकते हैं।
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