संवाददाता, फतेहपुर : परिषदीय विद्यालयों को मिलने वाले अनुदान को शासन ने बदल कर रख दिया है। अब टुकड़ों में मिलने वाली धनराशि को बदल दिया गया है। प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों को एकमुश्त धनराशि दी जाएगी। जिसमें दस फीसदी राशि स्वच्छता के लिए खर्च करने की बाध्यता से बांध दिया गया है।
जिले में मौजूदा समय में 1903 प्राथमिक एवं 746 उच्च प्राथमिक विद्यालय संचालित हो रहे हैं। इन विद्यालयों को बीते सालों में रंगाई पुताई, मरम्मतीकरण आदि का धन अलग अलग मिला करता था। अलग अलग धन दिए जाने के लिए प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में कक्षों के संख्या के आधार पर धन आवंटन कर दिया जाता रहा है। मिले धन के आधार पर परिषदीय विद्यालयों के प्रधानाचार्य काम करवाते रहे हैं। शासन ने इसबार नई व्यवस्था लागू कर दी है। विद्यालयों में पंजीकृत छात्र संख्या के आधार पर धन आवंटन करने के निर्देश दिए हैं। यह धन आवंटन यू डायस में भरी गई छात्र संख्या के आधार पर लागू होगी। आन लाइन खातों में धन भेजने में कुल पंजीकृत छात्र संख्या को आधार मानकर विद्यालयों के खाते में धन भेजा जाएगा।
कहीं खुशी कहीं गम का माहौल: कमतर छात्र संख्या के बावजूद बीते सालों में शासन द्वारा भेजी जाने वाली धनराशि में मलाई खाने वालों को नई योजना से खासा झटका लगा है। 15 तक छात्र संख्या वाले विद्यालय को महज 12,500 रुपये ही हाथ लगेंगे। ऐसे में विद्यालयों की रंगाई पुताई, मरम्मतीकरण सहित तमाम काम को पूरा कर पाना दिक्कत तलब होगा। वहीं 10 प्रतिशत धनराशि स्वच्छता के लिए अलग करनी होगी। शासन की नई नीति को लेकर मिली जुली प्रतिक्रयाएं मिल रही हैं।बहुआ ब्लाक के प्राथमिक विद्यालय नोनिहनपुरवा में पढ़ाई करते बच्चे
जागरण छात्र संख्यामिलने वाली धनराशि
1 से 15 तक 12,500 रु
16 से 100 तक 25,000 रु
101 से 250 तक 50,000 रु
251 से 1000 तक75,000 रु
1,000 से अधिक 1,00,000 रु
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