केस दो
केस एक
शिकायतों के बाद विभाग ने उठाया सख्त कदम, शिक्षकों ने दिया एक से अधिक खाता संचालित न करने का शपथ पत्र
नए सिरे से किया गया विद्यालय प्रबंध समिति का गठन
जागरण संवाददाता, गोरखपुर : एक शिक्षक द्वारा एक से अधिक विद्यालयों के खातों का संचालन करने की शिकायतों के बाद सख्त कदम उठाया गया है। जिले में विद्यालय प्रबंध समितियों का नए सिरे से गठन किया गया है और इस गठन के समय खाताधारक शिक्षक से शपथ पत्र लिया गया है कि वे किसी अन्य खाते का संचालन नहीं करेंगे। इसके बावजूद यदि कोई किसी अन्य खाते का संचालन करते मिला तो उस पर कार्रवाई होगी। जिले के सभी ब्लॉकों में विद्यालय प्रबंध समितियों का गठन किया गया है। इस समिति में प्रधान, प्रधानाध्यापक, राजस्व विभाग के कर्मी व अभिभावक शामिल होते हैं। इसी समिति के अधीन विद्यालय का खाता होता है और सरकार की ओर से मिलने वाला पैसा इसी खाते में आता है। इस खाते का संचालन प्रधानाध्यापक करते हैं। प्रभावशाली शिक्षकों ने कई ब्लॉकों में एक से अधिक खातों का संचालन अपने हाथ में ले लिया था। पिछले कुछ समय से एक से अधिक खाता संचालन को लेकर शिकायतें मिलती रही हैं और बीएसए स्तर से खाता सरेंडर करने का आदेश भी जारी हो चुका है, लेकिन कुछ शिक्षकों ने खाता सरेंडर नहीं किया।बेलघाट क्षेत्र में वृहद मरम्मत की जांच करने आए निदेशक साक्षरता के संज्ञान में यह मामला आया कि वहां कई शिक्षक एक से अधिक विद्यालयों के खातों का संचालन करते हैं। इस पर उन्होंने नाराजगी जताई।उरुवा, सहजनवां, कैंपियरगंज क्षेत्र में भी एक शिक्षक द्वारा एक से अधिक विद्यालयों के खातों के संचालन की शिकायतें बेसिक शिक्षा विभाग को मिली थीं। इसके बाद खाता सरेंडर करने का निर्देश दिया गया था।क्या होता है बहाना1एक से अधिक खाता संचालन करने वाले शिक्षकों के पास यह बहाना होता है कि महिला शिक्षक खाता संचालन नहीं करना चाहतीं, इसलिए सुविधा के अनुसार वे खातों का संचालन करते हैं पर हकीकत इससे अलग है। ये शिक्षक कुछ लाभ की आकांक्षा में ऐसा करते हैं। इसी खाते में ड्रेस, फर्नीचर, स्वेटर, रखरखाव आदि का पैसा जाता है। पहले तो संबंधित विद्यालय के शिक्षक को खाते का संचालन करना है। यदि कोई शिक्षक खाता संचालित करने में अक्षम है तो उसके नजदीक के विद्यालय के शिक्षक को यह जिम्मेदारी दी जाती है पर यहां एक-एक शिक्षक एक दर्जन खातों का संचालन करता है।कोई भी शिक्षक एक से अधिक खाते का संचालन नहीं करेगा। विद्यालय प्रबंध समिति के गठन के दौरान खंड शिक्षा अधिकारियों को इस बारे में स्पष्ट निर्देश दिया गया है। भूपेंद्र नारायण सिंह, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी
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