दो लाख बच्चों के मिड-डे मील पर संकट, जुलाई से नहीं मिला धन, रसोइयों का मानदेय भी कई महीनों से अटका
लखनऊ : परिषदीय स्कूलों में बच्चों के मध्याह्न् भोजन पर संकट छा गया है। महीनों से बजट न मिलने से रसोइयों तक का मानदेय फंसा है। ऐसे में कभी भी बच्चों की थाली से भोजन गायब हो सकता है।
राजधानी में 1367 प्राथमिक, 472 उच्च प्राथमिक व 192 के करीब सहायता प्राप्त विद्यालय हैं। इसमें दो लाख नौ हजार 583 बच्चे पंजीकृत हैं। इनको दोपहर में स्कूल में ही भोजन कराया जाता है। इसके लिए शहर व पांच ब्लॉकों के स्कूल में निजी संस्था को भोजन मुहैया करानी की जिम्मेदारी दी गई है। शेष जगह अभी स्कूल में ही खाना तैयार किया जाता है। परोसने का काम हर जगह रसोइया ही करती हैं।
ऐसे में जहां संस्था व स्कूलों को मिड-डे-मील का बजट नहीं मिला, वहीं रसोइया को मानदेय भी नहीं दिया गया। जनपद में मिड डे मील में करीब एक करोड़ 56 लाख के करीब खर्च होता है। उधर, बीएसए डॉ. अमरकांत ने बताया कि अभी बजट नहीं मिला है। दीपावली से पहले मिलने की उम्मीद है। जल्द ही व्यवस्था दुरुस्त हो जाएगी। बच्चों को भोजन से संबंधित दिक्कत नहीं होने दी जाएगी।
नहीं सुलझी समस्या
दीपावली नजदीक है, ऐसे में रसोइयों को मानदेय न मिलने से उनमें आक्रोश है। उन्हें बजट न मिलने का हवाला दिया जा रहा है। बीएसए कार्यालय में रसोइयों ने शिकायत की, मगर समस्या का निराकरण नहीं हो सका। ऐसे में वे कभी भी काम से हाथ खड़े कर सकती हैं।अब शिक्षक बनने से पहले खेलें खेल
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