222 राजकीय शिक्षक अधीनस्थ राजपत्रित वेतनक्रम में पदोन्नत
पॉजिटिव न्यूज
खुशखबरी
राज्य ब्यूरो, प्रयागराज : प्रदेश भर के राजकीय एलटी ग्रेड शिक्षकों के लिए है। लंबे इंतजार के बाद सहायक अध्यापक स्नातक वेतनक्रम पुरुष शाखा के 222 शिक्षकों को अधीनस्थ राजपत्रित वेतनक्रम में पदोन्नति मिली है। अपर शिक्षा निदेशक माध्यमिक मंजू शर्मा ने पदोन्नति सूची जारी कर दी है। अब इन शिक्षकों को प्रदेश के विभिन्न कालेजों में रिक्त पदों पर तैनाती दी जाएगी। इसके लिए सभी को विकल्प देना होगा।
उत्तर प्रदेश शैक्षिक अध्यापन अधीनस्थ राजपत्रित शिक्षण पुरुष शाखा में रिक्त पदों पर पदोन्नति के लिए विभागीय चयन समिति की बैठक 20 सितंबर को हुई थी। डीपीसी पर शिक्षा निदेशक माध्यमिक की मुहर लगने के बाद पदोन्नत 222 शिक्षकों की सूची जारी कर दी गई है। साथ ही निर्देश हुआ है कि इन शिक्षकों की नियुक्ति रिक्त पदों के सापेक्ष विकल्प लेकर ही की जाएगी। पदोन्नत शिक्षक राजकीय हाईस्कूल में प्रधानाचार्य या फिर इंटर कालेज में उप प्रधानाचार्य के पद पर नियुक्त होंगे। अपर निदेशक ने मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशकों को भेजे निर्देश में कहा है कि उन्हें प्रदेश के 305 रिक्त पदों की सूची भेज रहे हैं, इसके इतर विकल्प मान्य नहीं होगा। यदि एक विद्यालय का एक से अधिक विकल्प मिलेगा तो वरिष्ठता के आधार पर पदस्थापन किया जाएगा। यदि किसी का विकल्प प्राप्त नहीं होगा तो रिक्त हाईस्कूल में पदस्थापन किया जाएगा। ऐसे में संबंधित शिक्षक अपने चुने गए विद्यालयों के वरीयता क्रम की सूचना प्रधानाचार्य से प्रति हस्ताक्षरित कराकर तीन दिन में उपलब्ध कराएंगे। ऐसे ही मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक भी तय अवधि में अपने विशेष वाहक के माध्यम से उपलब्ध कराएंगे।
>>एलटी ग्रेड पुरुष संवर्ग के शिक्षक हाईस्कूल के प्रधानाचार्य या इंटर के उप प्रधानाचार्य बनेंगे
>>रिक्त 305 कालेज व संस्थानों की सूची मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशकों को भेजी
विकास में पिछड़े जिलों पर जोर
अपर निदेशक ने यह भी निर्देश दिया है कि सभी अध्यापकों को तैनाती के विकल्प एक विद्यालय शासन की ओर से घोषित आठ महत्वाकांक्षी जिलों में से दिया जाना अनिवार्य है। इन जिलों में चित्रकूट, सोनभद्र, फतेहपुर, बलरामपुर, बहराइच, श्रवस्ती व सिद्धार्थ नगर शामिल हैं।
विकल्प मांगने से शिक्षक खफा
राजकीय कालेजों के पदोन्नत शिक्षक विकल्प की शर्त से खफा हैं, क्योंकि इसके पहले वे अपने ही या फिर आसपास के विद्यालय में आसानी से नियुक्त हो जाते रहे हैं लेकिन, इस बार हर शिक्षक को विकल्प देने में विद्यालय चयन को तकरार होगी।
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