68,500 शिक्षक भर्ती : शिक्षक अभ्यर्थियों ने घेरा विधानभवन, मिली लाठियां, 30 से 33 प्रतिशत कट ऑफ पर परिणाम जारी करने की मांग
लखनऊ : शिक्षक अभ्यर्थियों ने शुक्रवार को एक बार फिर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। दोपहर करीब दो बजे अभ्यर्थियों ने विधानभवन घेर लिया और सड़क जाम कर सरकार विरोधी नारे लगाने लगे। बड़ी तादाद में जुटे अभ्यर्थियों को हटाने के लिए पुलिस अभ्यर्थियों पर लाठियां बरसाईं। लाठीचार्ज में करीब आधा दर्जन से अधिक अभ्यर्थियों को गंभीर चोटें आईं जिन्हें उपचार के लिए सिविल व अन्य अस्पताल में भर्ती कराया गया।
मामला 68500 शिक्षक भर्ती से जुड़ा है। अभ्यर्थियों का कहना है कि सरकार ने 30 से 33 प्रतिशत कटऑफ पर परीक्षा परिणाम जारी किए जाने की बात कही थी, उस पर अमल किया जाए। इसी मुद्दे को लेकर शिक्षक अभ्यर्थी विधानभवन का घेराव करने पहुंचे थे। यहां आक्रोशित अभ्यर्थियों ने नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया और सड़क जाम कर बैठ गए। मौके पर पहुंची बड़ी तादाद में पुलिस की अभ्यर्थियों से पहले तो नोकझोंक हुई फिर बात धक्कामुक्की तक पहुंच गई।
अभ्यर्थी भी पुलिस पर आक्रामक हो गए। स्थिति बेकाबू होते ही पुलिस ने लाठियां चला दीं। पुलिस ने अभ्यर्थियों को दौड़ा दौड़ाकर पीटा। इससे कई अभ्यर्थियों को गंभीर चोटें भी आईं। पुलिस ने कई अभ्यर्थियों को गिरफ्तार कर उनके विरुद्ध एफआइआर दर्ज की है।
आधा दर्जन अभ्यर्थियों को आईं चोटें, 14 प्रदर्शनकारी गिरफ्तार
प्रदर्शनकारी सड़क जाम कर हंगामा कर रहे थे। आरोपितों ने वाहनों में तोड़फोड़ का प्रयास भी किया और अचानक उग्र हो गए, जिन्हें वहां से हटा दिया गया। आरोपितों के खिलाफ एफआइआर दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जा रही है। - सर्वेश कुमार मिश्र, एएसपी पूर्वी
कई अभ्यर्थी हुए बेहोश
पुलिस की कार्रवाई के दौरान कई अभ्यर्थियों को गंभीर चोटें आईं तो कई बेहोश हो गए। उन्हें बाद में पास के अस्पताल में उपचार के लिए पहुंचाया गया। 1इससे पहले भी हो चुका बवाल1मांगों को लेकर अभ्यर्थियों ने इससे पहले भी बेसिक शिक्षामंत्री अनुपमा जायसवाल के आवास का घेराव कर नारेबाजी की थी। बाद में निशातगंज स्थित एससीईआरटी कार्यालय का घेराव करते हुए प्रदर्शन किया था।
लगातार दूसरे दिन लोग ट्रैफिक जाम से रहे परेशान
दोपहर करीब एक बजै सैकड़ों की संख्या में बीटीसी अभ्यर्थी विधान भवन के सामने आ धमके। इस दौरान सभी ने सरकार पर भर्ती प्रक्रिया में भेदभाव का आरोप लगाते हुए नारेबाजी करते हुए सड़क जाम करने की कोशिश करने लगे। लगातार दूसरे दिन यातायात बाधित होता देख पुलिसकर्मियों ने लाठियां फटकारकर प्रदर्शनकारियों को सड़क के किनारे ढकेल दिया। इसके बाद पुलिसकर्मियों ने सभी को समझा- बुझाकर प्रदर्शन खत्म कराने की कोशिश की लेकिन वह उच्चाधिकारियों के साथ वार्ता हुए बगैर मानने को तैयार नहीं थे। काफी देर इंतजार के बाद भी कोई नतीजा न निकलता देख प्रदर्शनकारी उग्र हो गए। प्रदर्शनकारी जैसे ही आगे बढ़े पुलिस कर्मियों ने लाठियां भांजना शुरू कर दिया। लाठीचार्ज होते ही चीख पुकार के साथ भगदड़ मच गई। जो जहां मिला उसे वहीं लाठियों से पीटा। इस दौरान दर्जनों अभ्यर्थी घायल चोटिल हो गए। प्रदर्शन में शामिल अभिषेक यादव का कहना है कि सरकार की गलती का खामियाजा हमें उठाना पड़ रहा है।
12 नवंबर को होगी सुनवाई
भर्ती प्रक्रिया के विज्ञापन में न्यूनतम अहर्ता 40 से 45 प्रतिशत थी लेकिन बाद में सरकार ने इसे घटाकर 30 से 33 प्रतिशत कर दी। जिसे ध्यान में रखकर सभी अभ्यर्थियों ने परीक्षा दी थी पर परीक्षा का परिणाम 40 से 45 प्रतिशत अहर्ता के आधार पर जारी कर दिया गया। जिसके चलते कई अभ्यर्थी परीक्षा में उत्तीर्ण नहीं हो सके। 68 हजार 500 सहायक अध्यापक भर्ती में से 28 हजार पद खाली रह गए। नौकरी के लिए आवेदन किया था अब लाठियां मिल रही हैं। वहीं अन्य अभ्यर्थियों का कहना है कि कोर्ट ने भर्ती प्रक्रियां में हुई धांधली पर सीबीआई जांच के आदेश दिए हैं। अगर धांधली के आरोप सही पाए जांएगे तो भर्ती प्रकिया निरस्त होगी। लेकिन हमारी मांग न्यूनतम अर्हता व रिक्त पदों को भरे जाने को लेकर हैं। जिसके सम्बन्ध में आगामी 12 नवंबर को कोई में सुनवाई भी होनी है।
ये हुए घायल
प्रदर्शन के दौरान हुए लाठीचार्ज में सीमा यादव, रोहन, शाहरुख, रोहित, संजय समेत दर्जनों अभ्यर्थी चोटिल हो गए। जिनेक सिर व हाथ- पैर में चोटें आई हैं। सभी को सिविल अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया है।
घायलों का हाल लेने पहुंचे नेता विपक्ष
लाटीचार्ज में घायल हुए प्रदर्शनकारियों का हाल लेने नेता विपक्ष राम गोविन्द चौधरी व सपा के वरिष्ठ नेता अहमद हसन व रामगोविन्द चौधरी सिविल अस्पताल पहुंचे। उन्होंने सभी का दुख -दर्द पूंछा और उनके आन्दोलन को सही बताते हुए इस मुद्दे को विधान भवन में उठाने की बात कही।
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