Wednesday, July 31, 2019
डुप्लीकेट आय प्रमाण पत्र से छात्रवृत्ति में हेराफेरी, प्रदेश के कई कॉलेजों व स्कूलों का मामला, वर्ष 2010-11 से 14 तक वितरित की गई छात्रवृत्ति में हुई अनियमितता की हो रही जांच
डुप्लीकेट आय प्रमाण पत्र से छात्रवृति में हेराफेरी
प्रदेश के कई कालेजों व स्कूलों में छात्रवृत्ति वितरण में हुई गड़बड़ी की जांच अफसरों ने शुरू कर दी है। इसमें कौशांबी भी शामिल हैं। शासन के निर्देश पर गठित तीन सदस्यीय जांच टीम ने वर्ष 2010-11 से 14 तक वितरित की गई छात्रवृत्ति की जांच शुरू कर दी है। अफसरों की मानें तो पूर्व में डुप्लीकेट आय प्रमाण पत्र लगाकर छात्रवृति वितरित की गई है। शिकायत पर गठित टीम ने प्रकरण की जांच शुरू कर दी है।
प्रदेश के कई कालेजों व स्कूलों में छात्रवृत्ति वितरण में हुई गड़बड़ी की जांच अफसरों ने शुरू कर दी है। इसमें कौशांबी भी शामिल हैं। शासन के निर्देश पर गठित तीन सदस्यीय जांच टीम ने वर्ष 2010-11 से 14 तक वितरित की गई छात्रवृत्ति की जांच शुरू कर दी है। अफसरों की मानें तो पूर्व में डुप्लीकेट आय प्रमाण पत्र लगाकर छात्रवृति वितरित की गई है। शिकायत पर गठित टीम ने प्रकरण की जांच शुरू कर दी है।
शासन के निर्देश पर मथुरा, आगरा, मेरठ, कौशांबी में दशमोत्तर छात्रवृत्ति योजना में हुई गड़बड़ी की जांच शुरू कर दी गई है। लोक लेखा समिति की बैठक में लिए गए निर्णय के आधार पर दशमोत्तर छात्रवृत्ति योजना से वर्ष 2010- 11 से 14 तक वितरित की गई दशमोत्तर छात्रवृत्ति वितरण में खेल होने का मामला प्रकाश में आया है। अधिकारियों की मानें तो डुप्लीकेट आय प्रमाण पत्र लगाकर विद्यार्थियों के खाते में करोड़ों रुपये भेजे गए हैं। कौशांबी में प्रकरण की जांच करने के लिए जिला समाज कल्याण अधिकारी की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय टीम गठित की गई है जिसमें जिला पिछड़ा वर्ग कल्याण अधिकारी और जिला अल्पसंख्यक अधिकारी भी शामिल हैं। टीम को चार ¨बदुओं पर विशेष जांच करने का निर्देश दिया गया है जिसमें एक समान आय के प्रमाण पत्र, एक समान जाति प्रमाण पत्र, एक समान हाईस्कूल के रोल नंबर शामिल हैं।
उच्च शिक्षा : सीसीटीवी युक्त कॉलेज ही बनेंगे परीक्षा केंद्र, नकल पर नकेल लगाने को उच्च शिक्षा निदेशालय ने तय किया मानक
सीसीटीवी युक्त कॉलेज ही बनेंगे परीक्षा केंद्र
July 31, 2019
राज्य ब्यूरो, प्रयागराज: डिग्री कॉलेजों में नकल पर नकेल लगाने के लिए उच्च शिक्षा निदेशालय ने तय किया है कि इस बार सिर्फ उन्हीं कॉलेजों को परीक्षा का केंद्र बनाया जाएगा, जहां वायस रिकार्डर के साथ क्लोज सर्किट टीवी (सीसीटीवी) कैमरे लगे होंगे। जहां यह व्यवस्था नहीं होगी उन्हें परीक्षा का केंद्र नहीं बनाया जाएगा। यही नहीं, ऐसे कॉलेजों को चिह्न्ति करके अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। ऐसे कॉलेजों की पहचान की प्रक्रिया अगस्त माह में शुरू की जाएगी। एक माह में सारे कॉलेजों का ब्योरा एकत्र करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
पठन-पाठन व्यवस्था दुरुस्त कराने के लिए निदेशालय डिग्री कॉलेजों में वायस रिकार्डर के साथ सीसीटीवी कैमरे लगाने का फरमान पहले ही सुना चुका है, लेकिन अधिकतर कॉलेज प्रबंधन ने उसे गंभीरता से नहीं लिया।
July 31, 2019
राज्य ब्यूरो, प्रयागराज: डिग्री कॉलेजों में नकल पर नकेल लगाने के लिए उच्च शिक्षा निदेशालय ने तय किया है कि इस बार सिर्फ उन्हीं कॉलेजों को परीक्षा का केंद्र बनाया जाएगा, जहां वायस रिकार्डर के साथ क्लोज सर्किट टीवी (सीसीटीवी) कैमरे लगे होंगे। जहां यह व्यवस्था नहीं होगी उन्हें परीक्षा का केंद्र नहीं बनाया जाएगा। यही नहीं, ऐसे कॉलेजों को चिह्न्ति करके अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। ऐसे कॉलेजों की पहचान की प्रक्रिया अगस्त माह में शुरू की जाएगी। एक माह में सारे कॉलेजों का ब्योरा एकत्र करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
पठन-पाठन व्यवस्था दुरुस्त कराने के लिए निदेशालय डिग्री कॉलेजों में वायस रिकार्डर के साथ सीसीटीवी कैमरे लगाने का फरमान पहले ही सुना चुका है, लेकिन अधिकतर कॉलेज प्रबंधन ने उसे गंभीरता से नहीं लिया।
यूपी बोर्ड : मान्यता के लिए 15 मई तक करें आवेदन, 30 नवम्बर तक मिल जायेगी मान्यता, दूसरी बार बदली ऑनलाइन आवेदन की समय सारिणी
मान्यता पाने के लिए 15 मई तक करें आवेदन
July 31, 2019
राज्य ब्यूरो, प्रयागराज: हाईस्कूल व इंटर कॉलेजों को यूपी बोर्ड से मान्यता पाने के लिए अब शैक्षिक सत्र के पहले दिन एक अप्रैल से ही आवेदन करना होगा। बोर्ड 15 से 31 मई तक विलंब शुल्क के साथ आवेदन स्वीकार करेगा, ऑनलाइन आवेदन मई के बाद नहीं हो सकेंगे। शासन ने बोर्ड की मान्यता समय सारिणी में दूसरी बार बदलाव किया है। यह निर्देश अगले सत्र से अमल में लाया जाएगा।
माध्यमिक शिक्षा परिषद (यूपी बोर्ड) ने शिक्षा निदेशक व परिषद के सभापति को 15 मई को प्रस्ताव भेजा था कि मान्यता देने की समय सारिणी में बदलाव किया जाए। संयुक्त सचिव जय शंकर दुबे ने संशोधित समय सारिणी जारी कर दी है। इसमें कहा गया है कि मान्यता के लिए आवेदन ऑनलाइन ही लिए जाएंगे। जिस वर्ष कक्षाएं संचालित करनी हो उसके एक वर्ष पहले एक अप्रैल से 15 मई तक आवेदन लिए जाएंगे। वहीं, 16 से 31 मई तक विलंब शुल्क के साथ आवेदन स्वीकार होंगे। इसके बाद आवेदन नहीं लिया जाएगा। ज्ञात हो कि इस वर्ष एक अप्रैल से 15 जुलाई तक बिना शुल्क व 16 से 31 जुलाई तक विलंब शुल्क के साथ आवेदन लिए गए हैं, जबकि इसके पहले सितंबर माह तक आवेदन लिए जाते थे, विलंब शुल्क के साथ अक्टूबर माह में भी आवेदन होते थे।
July 31, 2019
राज्य ब्यूरो, प्रयागराज: हाईस्कूल व इंटर कॉलेजों को यूपी बोर्ड से मान्यता पाने के लिए अब शैक्षिक सत्र के पहले दिन एक अप्रैल से ही आवेदन करना होगा। बोर्ड 15 से 31 मई तक विलंब शुल्क के साथ आवेदन स्वीकार करेगा, ऑनलाइन आवेदन मई के बाद नहीं हो सकेंगे। शासन ने बोर्ड की मान्यता समय सारिणी में दूसरी बार बदलाव किया है। यह निर्देश अगले सत्र से अमल में लाया जाएगा।
माध्यमिक शिक्षा परिषद (यूपी बोर्ड) ने शिक्षा निदेशक व परिषद के सभापति को 15 मई को प्रस्ताव भेजा था कि मान्यता देने की समय सारिणी में बदलाव किया जाए। संयुक्त सचिव जय शंकर दुबे ने संशोधित समय सारिणी जारी कर दी है। इसमें कहा गया है कि मान्यता के लिए आवेदन ऑनलाइन ही लिए जाएंगे। जिस वर्ष कक्षाएं संचालित करनी हो उसके एक वर्ष पहले एक अप्रैल से 15 मई तक आवेदन लिए जाएंगे। वहीं, 16 से 31 मई तक विलंब शुल्क के साथ आवेदन स्वीकार होंगे। इसके बाद आवेदन नहीं लिया जाएगा। ज्ञात हो कि इस वर्ष एक अप्रैल से 15 जुलाई तक बिना शुल्क व 16 से 31 जुलाई तक विलंब शुल्क के साथ आवेदन लिए गए हैं, जबकि इसके पहले सितंबर माह तक आवेदन लिए जाते थे, विलंब शुल्क के साथ अक्टूबर माह में भी आवेदन होते थे।
Tuesday, July 30, 2019
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