अब स्कूलों से लदेंगे रटने-रटाने के दिन
- October 20, 2019
बदलते दौर के साथ स्कूलों में अब पढ़ने-पढ़ाने का ढंग भी बदलेगा। जहां बच्चों को रटाने या फिर ब्लैक बोर्ड के जरिये पढ़ाने के बजाय प्रोजेक्ट बेस्ड लर्निग (शिक्षा) दी जाएगी। हालांकि स्कूली शिक्षा में इस बदलाव की पहल काफी पहले की गई थी, लेकिन कुछ चुनिंदा स्कूलों को छोड़कर ज्यादातर स्कूलों में अभी भी रटने-रटाने और ब्लैक बोर्ड के जरिये पढ़ाने का चलन बरकरार है। ऐसे में सरकार ने नए सिरे से स्कूलों को प्रोजेक्ट बेस्ट लर्निग (पीबीएल) की ओर ले जाने की बड़ी पहल की है। फिलहाल सरकार को इस काम में यूनेस्को का भी साथ मिला है।
स्कूलों के पढ़ने-पढ़ाने के तरीके में बदलाव की यह पहल उस समय की गई है, जब दुनिया के तमाम देशों में बच्चों को शिक्षा प्रोजेक्ट बेस्ट लर्निग के जरिये दी जा रही है। भारत में भी नवोदय और केंद्रीय विद्यालयों में इसे लेकर पहल हुई है, लेकिन अभी यहां इस तरह की लर्निग से बच्चों को कोई फायदा नहीं मिल रहा है। इसकी वजह यह है कि यह बच्चों को होमवर्क के रूप में कराया जाता है, जिसे बच्चे अपने माता-पिता से कराकर लाते हैं। जबकि इसका असली मकसद बच्चों में बौद्धिक व तार्किक क्षमता का विकास करना है।
No comments:
Write comments