पत्र लिखकर सहयोग राशि मांगना पूर्णतया उचित नहीं है। अगर वसूली हो रही है या हुई है तो इस पर प्रतिबंध लगाते हुए जवाब-तलब किया जाएगा। कृष्ण कुमार सिंह, बीएसए, सुलतानपुर फिर भी आपसी सौहार्द्र का हवाला देकर वसूले रुपये "72 हजार आवंटित हुआ जिले में खेल आयोजन के लिए यह स्थिति क्षम्य नहीं होगी कूरेभार के खंड शिक्षा अधिकारी रवीन्द्र वर्मा ने 12 अक्टूबर को प्रधानाध्यापकों को जारी किए गए एक आदेश में स्पष्ट लिखा है कि 'आपकी न्याय पंचायत में एनपीआरसी स्तरीय प्रतियोगिता आयोजित है, लेकिन अभी तक किसी प्रधानाध्यापक ने कोई सहयोग राशि नहीं दी है। यह स्थिति आपसी सौहार्द्र को समाप्त कर देगी। शिथिलता क्षम्य नहीं होगी।'•एनबीटी, सुलतानपुर : जिले में खंड शिक्षा अधिकारियों (बीईओ) का नया 'खेल' सामने आया है। बाल क्रीड़ा प्रतियोगिता के आयोजन के लिए सरकार ने जिले को 72 हजार रुपये आवंटित कर रखे हैं। इसके बावजूद खंड शिक्षा अधिकारियों ने प्रधानाध्यापकों से एक-एक हजार रुपये का चंदा वसूल लिया। जिन प्रधानाध्यापकों ने चंदा देने में आनाकानी की, उनसे आपसी सौहार्द्र बिगड़ने और क्षम्य न होने की चेतावनी देकर पैसा वसूल लिया गया। नौनिहालों की प्रतिभा निखारने के लिए सरकार हर साल परिषदीय स्कूलों में बाल क्रीड़ा प्रतियोगिता का आयोजन करवाती है। यह प्रतियोगिता न्याय पंचायत स्तर से शुरू होकर प्रदेश स्तरीय आयोजन के साथ समाप्त होती है। आयोजन में खर्च को देखते हुए सरकारी बजट जारी किया जाता है। जिला व्यायाम शिक्षक राहुल तिवारी के मुताबिक जिले को इस बार 72000 रुपये मिले हैं। ये बजट सभी 14 ब्लॉकों और एक नगर क्षेत्र में बांट दिया गया है। जिले के 1890 शिक्षकों से वसूला गया चंदा! जिले में कुल 1735 प्राथमिक और 612 उच्च प्राथमिक स्कूल हैं। बेसिक महकमे से मिले आंकड़े के अनुसार इन स्कूलों में कुल 1890 प्रधानाध्यापक कार्यरत हैं। प्रधानाध्यापकों के मुताबिक खंड शिक्षाधिकारियों ने सभी ब्लॉकों में बैठक कर चंदे के तौर पर 1000 रुपये देने का आदेश दिया। कुछ ब्लॉकों में लिखित तो कुछ में मौखिक आदेश जारी किए गए। आदेश के क्रम में ज्यादातर प्रधानाध्यापकों ने 1000 रुपये के हिसाब से धनराशि भी दे दी। 1890 प्रधानाध्यापकों की संख्या के हिसाब से देखें तो 18,90,000 रुपये होते हैं। |
No comments:
Write comments