शिक्षा विभाग में फर्जी नियुक्ति पत्र पर केस, अपर शिक्षा निदेशक माध्यमिक ने दर्ज कराई एफआईआर।
फर्जी नियुक्तियों का आदेश जारी होने पर एफआइआर
October 27, 2019
राब्यू, प्रयागराज: शिक्षा विभाग के प्रमुख संस्थानों में परिचारक, वाहन चालक, लेखाकार, कनिष्ठ सहायक जैसे पदों पर फर्जी नियुक्तियों का राजफाश होने पर अधिकारी हरकत में आ गए। फर्जी नियुक्तियों का आदेश शिक्षा निदेशालय प्रयागराज के पूर्व अपर शिक्षा निदेशक माध्यमिक के हस्ताक्षर से जारी हुआ था।
इस पर अपर शिक्षा निदेशक माध्यमिक डॉ. महेंद्र देव ने शनिवार को सिविल लाइंस थाना प्रयागराज में अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआइआर दर्ज करा दिया। साथ ही नियुक्तियों के आदेश और पूर्व अपर निदेशक के हस्ताक्षर को फर्जी करार देते हुए उसके आधार पर किसी को ज्वाइन न कराने, यदि किसी ने कार्यभार ग्रहण कर लिया है तो उसकी सेवाएं समाप्त करने का निर्देश दिया है। बीते 18 अक्टूबर को शिक्षा विभाग के विभिन्न संस्थाओं में फर्जी हस्ताक्षर से नियुक्ति करने का आदेश जारी होने का खुलासा हुआ था।
अपर शिक्षा निदेशक माध्यमिक के फर्जी हस्ताक्षर से शिक्षा विभाग में परिचारक, वाहन चालक, कनिष्ठ सहायक व लेखाकार के 15 पदों पर नियुक्तियां कर दी गईं। फर्जीवाड़ा का खुलासा होने के बाद अपर निदेशक डॉ. महेन्द्र देव ने विभिन्न अफसरों को पत्र लिखकर एफआईआर के निर्देश दिए हैं।
फर्जी आज्ञा दिखाकर 17 दिसंबर 2018-19 को अपर निदेशक रमेश के हस्ताक्षर से नियुक्ति पत्र जारी किया गया है। जबकि उस समय रमेश अपर निदेशक पद पर तैनात नहीं थे। अत: नियुक्ति पत्र पूरी तरह फर्जी माना जा रहा है। यही नहीं शिक्षा निदेशालय प्रयागराज में नियुक्ति-4 नाम का कोई अनुभाग नहीं है। शासन ने परिचारक (चपरासी-चतुर्थ श्रेणी) पद की भर्ती पर रोक लगा रखी है।लेखाकार के नियुक्ति प्राधिकारी निदेशक आंतरिक लेखा एवं लेखा परीक्षा है इसलिए अपर निदेशक नियुक्ति कर ही नहीं सकते। अधीनस्थ कार्यालयों के कनिष्ठ सहायक के नियुक्ति प्राधिकारी संबंधित मंडल के मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक हैं।
डॉ. महेन्द्र देव ने संबंधित अफसरों को फर्जी नियुक्ति पत्र के क्रम में लिखा है कि यदि किसी व्यक्ति को कार्यभार ग्रहण करा लिया गया है तो तत्काल उसकी सेवाएं समाप्त करते हुए उसके अभिलेखों के आधार पर केस दर्ज कराएं। जालसाजी की सूचना एससीईआरटी,सभी जिला विद्यालय निरीक्षक,संयुक्त शिक्षा निदेशक आदि को भेजी गई है। हालांकि इस संबंध में डॉ. महेन्द्र देव से संपर्क नहीं हो सका।।
फर्जी नियुक्तियों का आदेश जारी होने पर एफआइआर
October 27, 2019
राब्यू, प्रयागराज: शिक्षा विभाग के प्रमुख संस्थानों में परिचारक, वाहन चालक, लेखाकार, कनिष्ठ सहायक जैसे पदों पर फर्जी नियुक्तियों का राजफाश होने पर अधिकारी हरकत में आ गए। फर्जी नियुक्तियों का आदेश शिक्षा निदेशालय प्रयागराज के पूर्व अपर शिक्षा निदेशक माध्यमिक के हस्ताक्षर से जारी हुआ था।
इस पर अपर शिक्षा निदेशक माध्यमिक डॉ. महेंद्र देव ने शनिवार को सिविल लाइंस थाना प्रयागराज में अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआइआर दर्ज करा दिया। साथ ही नियुक्तियों के आदेश और पूर्व अपर निदेशक के हस्ताक्षर को फर्जी करार देते हुए उसके आधार पर किसी को ज्वाइन न कराने, यदि किसी ने कार्यभार ग्रहण कर लिया है तो उसकी सेवाएं समाप्त करने का निर्देश दिया है। बीते 18 अक्टूबर को शिक्षा विभाग के विभिन्न संस्थाओं में फर्जी हस्ताक्षर से नियुक्ति करने का आदेश जारी होने का खुलासा हुआ था।
अपर शिक्षा निदेशक माध्यमिक के फर्जी हस्ताक्षर से शिक्षा विभाग में परिचारक, वाहन चालक, कनिष्ठ सहायक व लेखाकार के 15 पदों पर नियुक्तियां कर दी गईं। फर्जीवाड़ा का खुलासा होने के बाद अपर निदेशक डॉ. महेन्द्र देव ने विभिन्न अफसरों को पत्र लिखकर एफआईआर के निर्देश दिए हैं।
फर्जी आज्ञा दिखाकर 17 दिसंबर 2018-19 को अपर निदेशक रमेश के हस्ताक्षर से नियुक्ति पत्र जारी किया गया है। जबकि उस समय रमेश अपर निदेशक पद पर तैनात नहीं थे। अत: नियुक्ति पत्र पूरी तरह फर्जी माना जा रहा है। यही नहीं शिक्षा निदेशालय प्रयागराज में नियुक्ति-4 नाम का कोई अनुभाग नहीं है। शासन ने परिचारक (चपरासी-चतुर्थ श्रेणी) पद की भर्ती पर रोक लगा रखी है।लेखाकार के नियुक्ति प्राधिकारी निदेशक आंतरिक लेखा एवं लेखा परीक्षा है इसलिए अपर निदेशक नियुक्ति कर ही नहीं सकते। अधीनस्थ कार्यालयों के कनिष्ठ सहायक के नियुक्ति प्राधिकारी संबंधित मंडल के मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक हैं।
डॉ. महेन्द्र देव ने संबंधित अफसरों को फर्जी नियुक्ति पत्र के क्रम में लिखा है कि यदि किसी व्यक्ति को कार्यभार ग्रहण करा लिया गया है तो तत्काल उसकी सेवाएं समाप्त करते हुए उसके अभिलेखों के आधार पर केस दर्ज कराएं। जालसाजी की सूचना एससीईआरटी,सभी जिला विद्यालय निरीक्षक,संयुक्त शिक्षा निदेशक आदि को भेजी गई है। हालांकि इस संबंध में डॉ. महेन्द्र देव से संपर्क नहीं हो सका।।
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